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Hospice. धर्मशाला। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शुरू किए गए कार्यों से अब स्मार्ट सिटी या नगर निगम को हर वर्ष लाखों रुपए की आय होगी। परियोजना के तहत धर्मशाला में लगाए गए अपने पहले सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिससे हर वर्ष करीब 30 से 35 लाख की इनकम होगी। इस प्राजेक्ट से प्रतिदिन 750 किलोवाट बिजली तैयार की जाएगी। अभी तक सौर ऊर्जा संयंत्र से 3500 यूनिट बिजली उत्पादित कर बिद्युत बोर्ड को सप्लाई की जा चुकी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि एक साल में कुल 12 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। पहले इस यूनिट से 600 किलोवाट बिजली उत्पादन की प्रोपोजल थी, लेकिन सोलर पैनल के साउथ फेस लगाने से सूर्य की रोशनी बिना किसी अवरोध मिलने से पैनल की संख्या बढ़ाने से यह संभव हो पाया है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी द्वारा अक्षय ऊर्जा को अपनाने से न केवल शहर में कार्बन उत्सर्जन कम होगा, बल्कि वित्तीय बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा।
इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के साथ धर्मशाला और देश भर के अन्य शहरों के लिए टिकाऊ शहरी विकास को अपनाने के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहा है। करीब 4.2 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस परियोजना से शहर की पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता में काफी कमी आने और धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एमडी जफर इकबाल ने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया है। इन दिनों ट्रायल पर बिजली का उत्पादन शुरू किया है, जिसे हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड को ट्रांसफर किया जा रहा है। इस सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली राज्य विद्युत बोर्ड को 3.70 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेची जाएगी, जिससे स्मार्ट सिटी लिमिटेड को सालाना 30 से 35 लाख रुपए की इनकम होगी। स्मार्ट सिटी प्रशासन की पहल के तहत धर्मशाला में एक दर्जन से ज्यादा शहर के कार्यालय भवनों की छतों पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं।
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