भारत
HP: स्थानीय भाषा में करें शिक्षा -अनुसंधान का प्रचार-प्रसार
Shantanu Roy
12 Dec 2024 11:23 AM GMT
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Nauni. नौणी। डा. यशवंत सिंह परमार औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में बुधवार को विख्यात तमिल कवि भारती, लेखक, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमन्य भारती की जयंती के अवसर पर भारतीय भाषा दिवस मनाया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में सभी कार्यक्रम और कार्यालय में हिंदी भाषा का ही उपयोग किया गया। विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग ने सतर्क, सुरक्षित एवं संरक्षित पर्यावरण संघ (स्पेस क्लब) के सदस्यों व 60 छात्र-छात्राओं द्वारा पर भारतीय भाषा उत्सव मनाया गया। नौणी विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा दिवस के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने छात्रों से की अपील । पहले परिकल्प के अंतर्गत विश्वविद्यालय के सभी संवैधानिक अधिकारियों, विभागाध्यक्षों तथा कार्यालय के अक्षिक्षकों को हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषा में अपने कार्यालय में कार्य करने के लिए निवेदन किया गया तथा संघ के सभी सदस्यों द्वारा उनके कार्यालयों में जाकर यह संदेश प्रेषित किया गया। दूसरे परिकल्प के अंतर्गत संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विभागाध्यक्ष डा. सतीश भारद्वाज ने इस वर्ष के भारतीय भाषा दिवस का विषय ‘भाषाओं के माध्यम से एकता’ पर प्रकाश डालते हुए अपने व्याख्यान में प्रकृति और भाषा में समन्वयन के संबंध पर कहा कि जहां आधुनिकता के दौर में हम अपनी क्षेत्रीय भाषाओं को भुलाते जा रहें है।
वहीं हम आधुनिकता की पाश्चात्य परिवेश को भी अपना रहे हैं, जिससे कि हम आपसी सौहार्द, प्रेम व भाईचारे से कहीं कोसों दूर भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाषाएं हमारी संस्कृति की पहचान है और प्रकृति के साथ हमारे रिश्ते को भी दर्शाती है। विभिन्न क्षेत्रों की जलवायु भिन्न होने के कारण वहां का भाषीय परिवेश भी भिन्न है। इन सब का आपस में तालमेल बिठाने से ही हमें प्रकृति से भी प्रेम होगा व हम अपने संस्कारों से भी जुड़े रहेंगे। संगोष्ठी में उपस्थित छात्रों द्वारा अपनी क्षेत्रीय भाषा में प्रश्न पूछे गए तथा उनका उत्तर भी उसी भाषा में दिया गया एवं इस अवसर पर पर्यावरण विज्ञान विभाग के छात्र-छात्राओं ने अपने सगे-संबध्यिों को 35 पोस्ट कार्ड पर अपनी स्थानीय भाषा में पुराने तरीके से संदेश भेजे। क्षेत्रीय भाषाओं में परिचर्चा में भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया व अपनी प्रसन्नता जाहिर की। कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने छात्रों कि इस मुहिम का स्वागत किया और बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत हर विभाग को परामर्श दिया गया है कि क्षेत्रीय/स्थानीय भाषा के माध्यम से शिक्षा एवं अनुसंधान का प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि दैनिक कार्य में हिन्दी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषा को प्रोत्साहित करने से विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में किसानों के साथ सामंजस्य बनाने में विश्वविद्यालय को मदद मिलेगी।
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Shantanu Roy
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