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Recangpio. रिकांगपिओ। किन्नौर जिला की ग्राम पंचायत आकपा में 21 लाख रुपए की लागत ने निर्मित वन विश्राम गृह का उद्घाटन राजस्व, बागबानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने किया। इस दौरान वन विभाग द्वारा आयोजित वन महोत्सव समारोह का भी आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि श्री नेगी रहे। इस दौरान खादरा में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन पर प्रकाश डाला। इस दौरान श्री नेगी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा की वन संपदा को बचाए रखना हम सब का दायित्व है ताकि पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सकें। मंत्री ने बताया कि वन महोत्सव, वृक्षारोपण उत्सव भारत में वनों के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व पर प्रकाश डालता है, जो केवल एक वस्तु नहीं है बल्कि भारत के कई हिस्सों में इसकी पूजा की जाती है। भारत के वन क्षेत्र को बढ़ाने और वर्तमान और भविष्य की पीढिय़ों के लिए पेड़ लगाने के महत्व के बारे में जागरूक करने के उद्ेश्य से प्रतिवर्ष वन महोत्सव मनाया जाता है। कैबिनेट मंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि रिब्बा पंचायत के लिए 20 करोड़ रूपए से सीवरेज व्यवस्था का निमार्ण कार्य चल रहा है तथा पंगी पंचायत के सीवरेज व्यवस्था के लिए 11 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया गया है। राजस्व मंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के निर्धन एवं भूमिहीन लोगों को वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत उनके अपनी नाम की जमीन का मालिकाना हक उपलब्ध करवाने के प्रति वर्तमान प्रदेश सरकार कृत-संकल्पित है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम-2006 तत्कालीन कांग्रेस सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की देन है जिसके तहत भूमिहीन लोगों को उनके अपनी नाम की जमीन का मालिकाना हक प्रदान किया गया। राजस्व मंत्री ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत प्राप्त मामलों को अगले स्तर तक ले जाने के लिए पंचायतों में आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में 50 प्रतिशत की हाजिरी आवश्यक है जिसमें 10 प्रतिशत महिलाओं का होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार की देन है जिसके माध्यम से आम नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से सूचना प्राप्त कर सकता है। इस अधिनियम को लाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाने, सरकार के कार्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व लाने, एवं हमारे लोकतंत्र को लोगों के लिए कामयाब बनाना है। उन्होंने आग्रह किया कि वे इस अधिनियम का लाभ उठाए तथा सरकार द्वारा चलाई गई नीतियों व योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें। राजस्व मंत्री ने बताया कि नौतोड अधिनियम-1968 जो की प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डाक्टर यंशवंत सिंह परमार की देन है और इस कानून की बदौलत निर्धन एवं उपेक्षित वर्गो को राहत मिली है। राजस्व मंत्री द्वारा कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुति करने वाली महिला मंडलों को 10-10 हजार की राशि तथा डीएवी स्कूल रिकांग पिओ के बच्चों को 5 हजार की राशि प्रदान की।
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