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HP NEWS: कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग के बताए नुकसान

Shantanu Roy
29 July 2024 12:31 PM GMT
HP NEWS: कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग के बताए नुकसान
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Recangpio. रिकांगपिओ। डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन के कीट विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र किन्नौर के सहयोग से किन्नौर जिला के रारंग पंचायत क्षेत्र में फसलों के नाशी कीटों के जैव प्रबंधन पर एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर जैव प्रबंधन पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की जनजातीय उपयोजना के अंतर्गत प्रायोजित किया गया। इस शिविर में किसानों को विभिन्न सेब में लगाने वाले विभिन्न प्रकार के कीटों की पहचान और उनके नुकसान के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
कीट विज्ञान विभाग
विभागाध्यक्ष डा. सुभाष चंद्र वर्मा ने इन कीटों की रोकथाम हेतु किए जा सकने वाले जैव प्रबंधन के बारे में कृषकों को अवगत करवाया। उन्होंने कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानकारी साझा की। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र किन्नौर के वैज्ञानिक डा. अरुण नेगी ने पौधों की समय पर होने वाली काट-छांट व बीमारियों से पौधों को बचाने के विभिन्न उपायों की जानकारी बागवानों को दी। नौणी से आए डा. सुमित वशिष्ठ और डा. विश्व गौरव सिंह चंदेल ने भी बागवानों को फलों में लगाने वाले कीटों और सूत्रक्रमियों के समाधान हेतु उपाय सुझाए। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को पर्यावरण अनुकूलक कीटनाशी फंफूद आधारित कीटनाशक, ट्राइकोडर्मा, अग्नि-अश्न, जीवामृत एवं घनजीवामृत और नौणी विश्वविद्यालय की कृषक मार्गदर्शिका जैसे आदानों का वितरण भी किया गया।
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