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Bilaspur. बिलासपुर। बाबा बालकनाथ दियोटसिद्ध की कैंटीन के रोट में खोट निकलने के बाद अब उत्तरी भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्रीनयनादेवीजी में खाद्य सुरक्षा विभाग जल्द सैंपल भरेगा। खासकर खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से प्रसाद के साथ ही मंदिर न्यास की कैंटीन में बनने वाले बेसन की भी सैंपलिंग की जाएगी, जिसे जांच के लिए संबंधित लैब भेजा जाएगा। दियोटसिद्ध मंदिर की कैंटीन में रोट के सैंपल फेल होने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग भी हरकत में आया है। इसके चलते खाद्य सुरक्षा विभाग जल्द ही नयनादेवी क्षेत्र का दौरा कर सैंपल भरेगा। अभी हाल ही में बाबा बालकनाथ दियोटसिद्ध में रोट के सैंपल फेल पाए गए थे। मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया पर यह मसला खूब चर्चा बना हुआ है। इसके चलते खाद्य सुरक्षा विभाग ने उत्तरी भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्रीनयनादेवीजी में भी प्रसाद, कैंटीन बेसन के अलावा अन्य खाद्य वस्तुओं के सैंपल भरने का निर्णय लिया गया है।
बताया जा रहा है कि नयनादेवी जी मंदिर की कैंटीन में बनने वाला बेसन देसी घी में बना हुआ होता है। यह बेसन करीब 350 रुपए किलोग्राम के हिसाब से बिकता है। मां के आशीर्वाद के लिए नयनादेवी पहुंचने वाले प्रदेश के अलावा अन्य बाहरी राज्यों के श्रद्धालु यहां से बेसन लेकर जाते हैं। वहीं, नयनादेवी में आने वाले श्रद्धालु प्रसाद भी लेकर जाते हैं। मां के चरणों में प्रसाद अर्पित करने के बाद घर लेकर जाते हैं। मां के दर्शन करने के बाद जब लोग अपने-अपने घरों में पहुंचते हैं, तो अपने करीबियों को भी प्रसाद इत्यादि वितरित करते हैं। इसके चलते खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से जल्द ही नयनादेवी में प्रसाद, कैंटीन बेसन के अलावा अन्य खाद्य वस्तुओं के सैंपल भरने का निर्णय लिया है। महेश कश्यप, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा विभाग ने कहा कि नयनादेवी में प्रसाद व अन्य खाद्य वस्तुओं के सैंपल जल्द ही भरे जाएंगे। खासकर नयनादेवी ट्रस्ट की कैंटीन में बनने वाले प्रसाद की भी सैंपलिंग होगी। विभाग की ओर से समय-समय पर खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग की जा रही है। कोताही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही है। नियमों की अवहेलना सहन नहीं की जाएगी।
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