भारत

HP: चौहकी में मलाणा डैम से मची तबाही

Shantanu Roy
8 Sep 2024 10:57 AM GMT
HP: चौहकी में मलाणा डैम से मची तबाही
x
Kullu. कुल्लू। डी मेम…अधिकारियों से मिलते हुए अब थक गए हैं। कोई भी हमारा दु:खड़ा सुनने को तैयार नहीं है। हमारी जमीन आपदा में बह गई है। वहीं, अन्य भारी नुकसान हुआ है, लेकिन 38 दिनों में हालात जस के तस हैं। हमारी समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। यह दु:खड़ा मणिकर्ण घाटी के चौहकी गांव के ग्रामीणों ने उपायुक्त कुल्लू को सुनाया। महादेव युवक मंडल चौहकी के अध्यक्ष भगत सिंह, महासचिव खुशाल सिंह, सलाहकार लीलाधर, सहसचिव गुलशन, मनोहर नेगी, राम लाल, ओम नेगी, गुप्त गुप्त राम और नारायण सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि मलाणा-1 कंपनी व मलाणा-2 हाइड्रो कंपनी के डैम के गेट खोलने व फटने के कारण एक अगस्त को फसलों, फलों के पेड़ों व कृषि भूमि व मकानों के हुए नुकसान का मुआवजा देने बारे उपायुक्त कुल्लू से शनिवार को मिले। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि 23 अगस्त को एसडीएम कुल्लू को भी ज्ञापन दिया था, परंतु राजस्व विभाग की ओर से भी चौहकी गांव के नुकसान का आकलन करने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया है और न ही मुआवजा दिया है। यदि प्रशासन और कंपनियों द्वारा गांव वासियों की उपरोक्त मांगों पर शीघ्र कोई कार्रवाई न की तो सभी गांव वासी व महोदव युवक मंडल के सदस्यों द्वारा प्रशासन और कंपनियों के विरूद्ध धरणा प्रदर्शन किया जाएगा। उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस रवीश ने चौहक गांव के ग्रामीणों कहा कि प्रशासन
समस्या का हल करेगा।


उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर तुरंत एसडीएम कुल्लू और जलशक्ति विभाग को मौके पर जाने के निर्देश जारी किए हैं। ग्रामीणों ने उपायुक्त कुल्लू को ज्ञापन भी सौंपा। युवक मंडल के पदाधिकारियों ने उपायुक्त को बताया कि मलाणा-2 कंपनी द्वारा अपने डैम के दो गेट एक साथ छोडऩे के कारण नदी ने भंयकर रूप धारण किया, जिससे आगे चलकर भारी तबाही हुई। इस कारण से मलाणा-1 कंपनी के डैम के साथ ब्लॉक टूट गए और डैम के पानी ने भारी तबाही मचाई है। जिससे चौहकी गांव में भारी नुकसान हुआ। बाढ़ की चपेट में गांव के तीन मंदिर, दो घर और गांव वालों की कृषि भूमि भी बाढ़ में बह गई। कृषि भूमि में रेत व पत्थर भर चुके हैं, जिससे वह कृषि योग्य न रही है। खेतों में खड़ी फसल व फलों के पेड़ों का भी भारी नुकसान हुआ है। महाप्रबंधक एवरेस्ट पॉवर प्राइवेट लिमिटेड चरण-2 व मलाणा पॉवर कंपनी लिमिटेड चरण-1 को बार-बार पत्र लिखकर नुकसान होने के बारे में सूचित किया और प्रार्थना की गई कि गांव वालों का जो नुकसार हुआ व कृषि योग्य भूमि भी खत्म हो चुकी है उसके नुकसान की भरपाई का मुआवजा दिया जाए। कंपनी से मांग की थी कि ग्रामीणों को उनकी दोनों फसलों का नुकसान का मुआवजा भी दिया जाए। ग्रामीणों ने दोनों किनारों पर आरसीसी कंक्रीट की दीवार लगाने की मांग की, ताकि भविष्य में गांव वासियों को और नुकसान न हो सके। अब तक कोई भी मुआवजा नहीं दिया गया और न ही नष्ट हुई कृषि योग्य भूमि को ठीक करने का कोई काम किया है।
Next Story