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HP: निजी हाथों में नहीं जाएगा मढ़ी स्कूल

Shantanu Roy
1 Sep 2024 10:06 AM GMT
HP: निजी हाथों में नहीं जाएगा मढ़ी स्कूल
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Paadchu. पाड़छू। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के मढ़ी में 55 करोड़ रुपए की लागत से बने स्कूल भवन को निजी क्षेत्र में न देने से स्थिति को स्पष्ट कर दिया है। जिसका मढ़ी स्कूल बचाओ अभियान समिति ने स्वागत किया है। बता दें कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के मढ़ी में 55 करोड़ रुपए की लागत से बने स्कूल को निजी हाथों में सौंपने बारे शिक्षा विभाग ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी थी। जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे थे और इसे सरकारी क्षेत्र में ही चलाने की मांग कर रहे थे। जिसके लिए मढ़ी स्कूल बचाओ अभियान समिति का गठन जुलाई माह में किया है। ग्राम पंचायत ने भी ग्राम सभा में इस बारे प्रस्ताव पारित किया था और मुख्यमंत्री और विधायक को ज्ञापन भेजे थे। लेकिन अब पिछले कल विधानसभा में मुख्यमंत्री ने इसे निजी क्षेत्र में न देने से स्थिति स्पष्ट हो गई है और अभियान समिति तथा पूर्व जि़ला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है। भूपेंद्र सिंह व अभियान समिति की अध्यक्षा ज्योति देवी ग्राम पंचायत प्रधान तंबो देवी पूर्व प्रधान सुरेश शर्मा उप प्रधान विनय कुमार,आशा देवी, बल्ली राम, पंकज कुमार, चमन लाल, निक्का राम, भीमराज, सुख राम, भागमल, कंचना देवी इत्यादि ने सरकार व विधायक से यहां पर पहले से चल रहे वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के भवन निर्माण के लिए भूमि और बजट स्वीकृत
करने की मांग की है।

जब तक नया भवन निर्मित नहीं हो जाता तब तक कक्षाएं आदर्श विद्यालय में ही चलाई जाएं और उसके लिए सरकार के स्तर पर नीतिगत निर्णय लिया जाए। भूपेंद्र सिंह ने मांग कि है कि सरकार को आदर्श विद्यालय का ग्राउंड फ्लोर मढ़ी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के लिए स्थायी तौर पर ट्रांसफर करने के लिए नीतिगत फै सला लेकर मढ़ी स्कूल के अस्तित्व को बचाने का निर्णय जल्दी लेना चाहिए और बाकी मंजिलों पर कोई और तकनीकी शिक्षण संस्थान खोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के संधोल और धर्मपुर में पहले से ही केंद्रीय विद्यालय हैं और ग्रयोह में डीएवी और देवधार में पब्लिक स्कूल हैं तथा धर्मपुर में साईं इटर्नल फाउंडेशन का विजय मेमोरियल प्लस स्कूल है जो बोर्डिंग होने के साथ साथ पूरी तरह निशुल्क और मैरिट आधार पर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहा है। सरकारी क्षेत्र में दो दर्जन से ज्यादा छोटे बड़े स्कूल हैं, जिन्हें सुदृढ़ करना चाहिए। संधोल केंद्रीय विद्यालय के भवन निर्माण के लिए हम दस साल के बाद भूमि उपलब्ध हुई है और धर्मपुर कलस्वाई के केंद्रीय विद्यालय में तो क्लासें लगाने के लिए पर्याप्त कमरे ही नहीं है और बारिश और धूप में तो शिफ्टों में क्लासें लगाई जा रही है। जिससे केंद्रीय विद्यालय जैसे संस्थान की गरिमा गिर रही है। सरकार को इन दोनों स्कूलों को जमीन उपलब्ध करवा कर इन्हें फ ंक्शनल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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