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Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बीच रूट परमिट का मसला अभी तक हल नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार पंजाब सरकार में अधिकारियों के बदलने के बाद यह मामला खटाई में पड़ गया है, मगर हिमाचल ने अपनी तैयारी कर ली है और फील्ड से पूरा डाटा जुटा लिया है। ऐसे में अब जल्द दूसरी बैठक का इंतजार किया जा रहा है, जिसके लिए हिमाचल का परिवहन विभाग पंजाब परिवहन विभाग को लिखेगा। क्योंकि यह मामला विवादित है और जरूरी है कि इसे हल किया जाए। हर साल पंजाब सरकार इस मामले को उठा देती है, लेकिन अब तक इसे अंजाम तक नहीं पहुंचाया गया है। इसी पर निर्भर करेगा कि अगले साल कितने रूट परमिट दिए जाएंगे, जो कि दोनों राज्य एक-दूसरे के राज्यों के लिए निर्धारित करते हैं। इस मामले को निपटाने के लिए पहले ही कमेटी का गठन हो चुका है, मगर पंजाब सरकार में अधिकारी बदल गए। प्रदेश के प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम के अनुसार कमेटी का गठन कर दिया गया है। रूट परमिट पर जो मसला खड़ा है, उसको जल्द हल कर देंगे।
अभी दूसरी बैठक इस दिशा में नहीं हो पाई है। दोनों राज्यों के बीच परमिट का झगड़ा है, क्योंकि पंजाब का कहना है कि हिमाचल ने लिमिट से ज्यादा परमिट दे रखे हैं, जबकि हिमाचल भी यही कह रहा है कि पंजाब की ज्यादा बसें हिमाचल में चल रही हैं, जिनकी लिमिट से ज्यादा आवाजाही यहां पर हो रही है। पिछली बैठक में दोनों राज्यों में सहमति बनी थी कि एक कमेटी का गठन किया जाएगा, लिहाजा दोनों राज्यों की कमेटी बन चुकी है। अब दूसरी बैठक चंडीगढ़ में होने की संभावना है, लेकिन अभी तक इस पर कोई तारीख तय नहीं हो पाई है। हिमाचल के सीमाई क्षेत्रों में पंजाब की कितनी बसें चल रही हैं और किस एरिया के लिए कितने परमिट दिए गए हैं, इसकी पूरी जानकारी संबंधित क्षेत्रों में आरएम से यहां ले ली गई है जिसे कंपाइल करने को कहा गया है। सूत्रों के अनुसार हो सकता है कि रूट परमिट की लिमिट दोनों राज्य बढ़ा दें, क्योंकि दोनों की जितनी जरूरत है, उसके मुताबिक ही परमिट होने चाहिए, ऐसा कहा जा रहा है। हिमाचल की प्राइवेट बसों का डाटा भी जुटाया गया है, जो कि पंजाब के क्षेत्रों में जाती हैं। खासकर पठानकोट, नूरपुर, ऊना व कालका से होते हुए बसें पंजाब की सीमा में जाती हैं। इसी तरह से पंजाब की बसें भी हिमाचल आती हैं। पंजाब से काफी ज्यादा बसें प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों पर पहुंचती हैं, जो खासकर पठानकोट से होते हुए और ऊना से होते हुए यहां पर आती हैं।
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