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Shimla. शिमला। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई तेज हो गई। इसमें केंद्र सरकार द्वारा शक्तियों में परिवर्तन करने की वजह से तेजी आई है, क्योंकि अब अभियोजन के लिए मामला पहले अदालतों को नहीं भेजा जा रहा, बल्कि मुख्य सचिव के स्तर पर मंजूरी मिल रही है। इस वजह से यहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को राहत मिली है और वह एक के बाद एक उद्योगों के खिलाफ शो कॉज नोटिस जारी कर रहा है। हाल ही में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी नालागढ़, बद्दी, बरोटीवाला एरिया का दौरा करके आए हैं जहां पर उन्होंने स्टोन क्रशरों की व्यवस्थाओं को देखा। वहां इसके अलावा दूसरे उद्योगों का हाल भी जाना है। एक तरफ स्टोन क्रशरों द्वारा नियमों की अवहेलना के मामले सामने आए, जिस पर मौके पर भी कार्रवाई की गई है और अब इसकी विस्तृत रिपोर्ट हाई कोर्ट को दे दी गई है। हाई कोर्ट को बताया गया है कि स्टोन क्रशरों में किस तरह की अवमानना है और वहां पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए।
अभी अदालत इस रिपोर्ट पर अपने आदेश देगी। लेकिन दूसरी तरफ जो मामले प्रदूषण बोर्ड के पास रुके हुए थे और उनमें अभियोजन की मंजूरी के लिए अदालत से अनुमति मिलनी थी, उनमें तेजी लाने को लेकर बोर्ड ने कदम उठाए हैं। बताया जाता है कि ऐसे प्रदूषण फैलाने के अलग-अलग मामलों को अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तेजी के साथ निपटा रहा है। ऐसे कई मामले मुख्य सचिव को अब मंजूरी के लिए भेजे गए थे, जहां से सहमति मिलते ही इन पर कार्रवाई शुरू कर दी है। एक के बाद एक उद्योगपतियों को नोटिस जारी हो रहे हैं। गत दो सप्ताह की बात करें, तो विभिन्न प्रदूषण के मामलों में करीब एक दर्जन से ज्यादा मामलों में कार्रवाई के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।कुछ उद्योगों को सात दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है, तो कुछेक के बिजली कनेक्शन काटने के आदेश हो गए हैं। जिन उद्योगों पर इस तरह की कार्रवाई की गई है, उनमें कुछ उद्योग चंबा का है, तो कुछ ऊना, सोलन जिला के बद्दी एरिया के हैं। भुड के एक उद्योग पर भी बिजली कनेक्शन काटने के फरमान हाल ही में सुनाए गए हैं। फील्ड कार्यालयों से ऐसे मामलों को मुख्यालय को भेजा गया है और यहां इनपर त्वरित कार्रवाई के निर्देश हुए हैं।
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