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HP: पार्वती में पहल, बाढ़ से पहले बजेंगे हूटर

Shantanu Roy
23 July 2024 10:13 AM GMT
HP: पार्वती में पहल, बाढ़ से पहले बजेंगे हूटर
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सैंज। पार्वती परियोजना चरण-तीन के सियूंड स्थित 43 मीटर ऊंचे बांध में नई दिल्ली स्थित सेंट्रल वाटर कमीशन की गाइडलाइन के अनुसार एनएचपीसी अब अर्ली वॉर्निंग सिस्टम स्थापित करेगी। ऊर्जा कंपनी ने इस संबंध में इच्छुक कंपनियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। पार्वती पावर स्टेशन बिहाली से मिली जानकारी के मुताबिक अर्ली वार्निंग सिस्टम में एक करोड़ 16 लाख रुपए की लागत से नई तकनीक की स्थापना की जा रही है। इस नई तकनीक के स्थपित होने के बाद सियूंड डैम के गेट खुलते ही डैम से लेकर लारजी तक ज़ोर-ज़ोर से हूटर बज जाएंगे। इससे लोग उसी समय अलर्ट हो जाएंगे। पार्वती परियोजना चरण तीन के महाप्रबंधक प्रभारी प्रकाश चंद ने बताया कि सेंसर बेसड इस अर्ली वॉर्निंग सिस्टम का टेंडर लगा दिया गया है ,और अगले दो महीनों में इसे स्थापित कर दिया जाएगा जबकि सियूंड डैम से लेकर लारजी तक नदी के किनारे आधा दर्जन हूटर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ये हूटर न सिर्फ बजेगा बल्कि इससे आवाज के माध्यम से संदेश प्रसारित करने
का भी प्रावधान होगा।
हूटर चारों दिशाओं में सुनाई देगा। यहां उल्लेखनीय यह है कि कुल्लू जिला की जल विद्युत परियोजनाओं में डैम सेफ्टी एक्ट की अवेलना न हुई होती तो बीते वर्ष नदियों की तबाही से बचा जा सकता था। जिला में विभिन्न परियोजनाओं के पांच बांधों से पानी छोडऩे की वजह से डाउन स्ट्रीम में भारी नुकसान हुआ। 10 जूलाई 2023 को बाढ़ ने कुल्लू घाटी में 200 से अधिक परिवारों को बेघर कर दिया और सैंकड़ों बीघा मलकियत भूमि तबाह कर दी थी। इसके अलावा करोड़ों की वन संपदा को क्षति पहुंची है। सरकार ने 2014 में प्रदेश की सभी जल विद्युत कंपनियों को अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन जिला कुल्लू के पांच में से एक भी परियोजना में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित नहीं हो पाई है। जिला में 192 मेगावाट की एलाइन दुहांगन, 86 मेगावाट की क्षमता वाली मलाणा- एक सौ मेगावाट की मलाणा-दो, सौ मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली सैंज परियोजना और 520 मेगावाट के पार्वती प्रोजेक्ट का डेम बना हुआ हैं लेकिन पांचों ही बांधों में अर्ली वॉर्निंग सिस्टम स्थापित नहीं किए हैं। इन बांधों पर आपदा को मॉनिटर करने या उसकी सूचना साझा करने जैसी प्रणालियां न होने से लोगों को अकारण बाढ़ का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। बीते वर्ष हिमाचल सरकार ने प्रदेश में बिजली परियोजनाओं के बांधों में सुरक्षा उपकरण न लगाने पर 21 परियोजनाओं को लीगल नोटिस दिए गए थे। इसमें कुल्लू जिला में स्थापित हुई पांचों परियोजनाएं भी शामिल हैं। नोटिस के बाद परियोजना प्रबंधन ने अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगाए जाने की यह प्रक्रिया शुरू की है। बहरहाल एनएचपीसी ने पार्वती प्रोजेक्ट में अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित करने की कसरत शुरू की है।
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