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Shimla. शिमला। ट्रैफिक टूरिस्ट एवं रेलवे पुलिस मुख्यालय में तीन दिवसीय प्रदेश के क्षेत्रीय जांच अधिकारियों के लिए सडक़ सुरक्षा पर अधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एआईजी टीटीआर विनोद कुमार ने की। पाठ्यक्रम का समन्वयन एएसपी टीटीआर नरवीर सिंह राठौर ने किया। एएसपी टीटीआर नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अपनी जांच दलों की क्षमता और कौशल को बढ़ाने के लिए कई महत्त्वपूर्ण पहल की है। विशेषकर सडक़ सुरक्षा प्रवर्तन के क्षेत्र में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो नई दिल्ली द्वारा तैयार किए गए निर्धारित प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत राज्य के क्षेत्रीय जांच अधिकारियों के लिए सडक़ सुरक्षा पर एक विशेष तीन दिवसीय प्रशिक्षण यातायात, पर्यटक और रेलवे इकाई शिमला द्वारा आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण पांच से सात नवंबर तक डीजीपी हिमाचल प्रदेश पुलिस डा. अतुल वर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में सडक़ दुर्घटनाओं की जांच और यातायात कानून प्रवर्तन के लिए आधुनिक तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें एल्को सेंसर, डॉपलर रडार, और लेजर स्पीड मीटर जैसे उन्नत उपकरण शामिल थे। प्रशिक्षण के दौरान, विशेषज्ञ वक्ताओं और प्रशिक्षकों ने कई महत्त्वपूर्ण विषयों पर गहन जानकारी प्रदान की। एनआईसी शिमला में आईरेड के राज्य रोल-आउट प्रबंधक अंकुश ठाकुर ने आईरेड एप्लिकेशन के कार्यान्वयन पर प्रस्तुति दी, जो दुर्घटना मामलों की डिजिटल रिपोर्टिंग में सहायक है। इसके अलावा, इंजीनियर नरेश कुमार ने एल्को सेंसर और लेजर स्पीड मीटर का प्रदर्शन किया। डा. अमित शर्मा ने सडक़ आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रमुख सत्रों का नेतृत्व एआईजी विनोद कुमार, एएसपी नरवीर सिंह राठौर, एएसआई जगत सिंह और एएसआई संजीव कुमार ने किया, जिसमें मोटर वाहन अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों पर चर्चा की गई। प्रमुख प्रशिक्षण विषयों में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया, साइट निरीक्षण, दुर्घटना स्थल की फोटोग्राफी, साइट प्लान ड्राफ्टिंग और गवाह के बयान रिकॉर्डिंग शामिल थे।
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