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HP: ऐतिहासिक जयंती माता मंदिर में सैकड़ों भक्तों ने नवाया शीश

Shantanu Roy
12 Nov 2024 11:59 AM
HP: ऐतिहासिक जयंती माता मंदिर में सैकड़ों भक्तों ने नवाया शीश
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Kangra. कांगड़ा। ऐतिहासिक जयंती माता मंदिर कांगड़ा में पंच भीष्म मेला सोमवार से शुरू हो गया है । हालांकि भक्तों की भीड़ ज्यादा ना उमड़ी लेकिन 300 से 400 भक्तों ने मां के दर्शन किए व पूजा अर्चना की। लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ चढ़ाई चढ़ते हुए माता के दर्शन करने यहां पहुंच रहे हैं । प्रशासन ने यहां व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। मां के भक्तों यंहा पंच भीष्म मेलों के दौरान लंगर की व्यवस्था करते भी की है । 4 किलोमीटर की चढ़ाई चढऩे के बाद वहां का अजब नजारा लोगों को खूब भा रहा है । जो पहली मर्तबा मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे हैं उनके लिए यह अनुभव बेहतर रहे है।इस मंदिर को जाने के लिए करीब 4 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई चढऩी पड़ती है ।उल्लेखनीय है कि पिछले 50 वर्ष से कांगड़ा का वर्मा परिवार यहां व्यवस्था को देखता आया है। इस मर्तबा भी इस परिवार ने यहां लंगर की
व्यवस्था की है।

उल्लेखनीय स्वर्गीय हरबंस लाल वर्मा की याद में अजय वर्मा ने यहां जयंती माता के मुख्य द्वार का निर्माण भी किया है जो इस वर्ष चालू हो गया है। कि जयंती माता के प्रति स्थानीय श्रद्धालुओं व आसपास के क्षेत्रों की काफी श्रद्धा और आस्था है। उल्लेखनीय है कि कार्तिक माह की एकादशी में पंच भीष्म का पर्व विशेषकर महिलाएं यह वर्षों से मनाती आ रही हैं ।5 दिन व्रत रखा जाता है और मात्र फलाहार पर ही निर्भर रहना पड़ता है ।तुलसी को गमले में लगा कर उसे घर के भीतर रखा जाता है तथा चारों और केले के पत्र लगाकर दीपक जला दिया जाता है । उसके उपरांत पांचवें दिन पडया; प्रतिपदा को पूजे हुए दीपक को बुझा दिया जाता है। इसी दीपक को पंच भीष्म के दिन 7 साल तक जलाया जाता है। यह पर्व भीष्म पितामह की याद में होता है तथा गांवों की कन्याएं 5 दिन तक सुहाग गीत गाती हैं । महिलाएं तथा कन्याएं मिलकर आंगन में बनी हुई तुलसी की क्यारी के आसपास विभिन्न रंगों में चित्रकारी करती हैं । जिसमें विवाह के भिन्न-भिन्न दृश्य बनाए जाते हैं।
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