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Shimla. शिमला। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के फैसले के अनुरूप सदन में शून्यकाल बुधवार को शुरू नहीं हो पाया। दरअसल सत्तापक्ष ने इसे एकदम से शुरू करने पर सहमति नहीं दी। हालांकि पिछले कल मीडिया ब्रीफिंग में स्पीकर ने बुधवार से आधा घंटा शून्यकाल शुरू करने की इच्छा जताई थी। प्रश्नकाल के बाद जीरो ऑवर पर बात शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि वह इस कदम का स्वागत करते हैं, लेकिन इससे पहले सरकार को कॉन्फिडेंस में नहीं लिया गया। इसलिए सदन के सामान्य रूप से चलने के लिए जरूरी है कि इसकी मोडेलिटी पहले तय हो जाए। सरकार की ओर से रखे गए इस तर्क का भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने विरोध किया और कहा कि यह अध्यक्ष की फैसले को चुनौती है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि शून्यकाल में यदि मंत्री के पास जवाब है, तो जवाब आएगा अन्यथा लिखित में दिया जाएगा।
लोकसभा के अनुसार ही इसकी एसओपी तय होनी चाहिए। फिर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि एक अच्छे काम की शुरुआत हो रही है, तो आसन के प्रति सम्मान होना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने व्यवस्था देते हुए कहा कि जीरो आवर में सिर्फ जनहित के मुद्दे उठाए जाएंगे। विषय की गंभीरता को देखते हुए स्पीकर ही तय करेंगे कि कौन सा मसला लगेगा। लोकसभा में पहले से यह व्यवस्था है और 10 राज्यों की विधानसभा भी से अपना चुकी है। हिमाचल को भी पीछे नहीं रहना चाहिए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत मामले लेना शुरू किए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हर संस्था की एक गरिमा है। चाहे स्पीकर हो, सरकार हो या न्यायपालिका हो। क्योंकि इस मामले में अभी चर्चा की जरूरत है, इसलिए इसे अगले सेशन से लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अभी सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। मुझे अपने मंत्रियों और अफसरों से भी बात करनी है। इसके बाद आपके साथ बैठक करेंगे।
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Shantanu Roy
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