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Shimla. शिमला। प्रदेश में सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के नए निर्देश जारी किए हैं, लेकिन इन निर्देशों को लेकर बागबान उखड़े हुए हैं। इस पर रणनीति बनाने के लिए नारकंडा में 22 अगस्त को बागबानों की बैठक बुलाई है, जिसमें व्यापक रणनीति बनेगी और बागबान सरकार की खिलाफत पर उतर सकते हैं। बागबान नहीं चाहते कि एमआईएस के नए नियम इस सीजन से लागू हों लिहाजा इस मामले में बागबान प्रदेश के बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी से मिलेंगे और अपने मामले को उठाएंगे। बागबान उद्यान कार्ड बनाने को लेकर फिलहाल विरोध कर रहे हैं, लेकिन यह उद्यान कार्ड ऑनलाइन बन सकते हैं। इसमें सबसे बड़ा पेंच ये है।
बागबानों को अपनी जमीन के कागज लेकर पटवारियों के पास जाना पड़ेगा और पटवारियों के पास इतना समय नहीं है। प्रदेश सेब उत्पादक संघ ने एमआईएस के मामले में बागबानों की राय लेने को लेकर गुरुवार को नारकंडा में जो बैठक बुलाई है उसमें चर्चा होगी और इसके बाद वह बागबानी मंत्री से मिलेंगे। बता दें कि एमआईएस में कुल 28 तरह की शर्तें हैं, जिनमें से अधिकांश पर बागबान भी सहमत हैं, परंतु उनका कहना यही है कि जब गले सड़े सेब या सी व डी ग्रेड सेब को लेने के लिए ही एमआईएस बनाया गया है, तो सरकार इसमें इनकार कैसे कर सकती है। मगर दूसरी तरफ सरकार अपने नुकसान को देखते हुए चाहती है कि उसे अच्छी क्वालिटी का सेब मिले मगर बागबानों का कहना है कि यदि अच्छी क्वालिटी का सेब चाहिए तो उसका रेट भी वैसा ही दिया जाए।
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