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Shimla. शिमला। पानी का बिल न मिलने के बहाने से अब शहरवासियों को छुटकारा मिलने वाला है। शिमला जल प्रबंधन निगम अब सुएज कंपनी के साथ शहरवासियों को बिल बांटने वाला है। 24 घंटे पेयजल आपूर्ति शुरू होने से पहले शहरवासियों के बिल के लिए एक नया सॉफ्टवेयर तैयार होने जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए शहरवासियों को तीन प्रकार से पानी के बिल दिए जाएंगे। हर महीने सबसे पहले पानी के बिल का संदेश मोबाइल फोन में आ जाएगा। यानी कंपनी हर उपभोक्ता का मोबाइल नंबर भी सॉफ्टवेयर में दर्ज करेंगे, ताकि उपभोक्ता को पानी के बिल की पूरी जानकारी मिल सके। इस बिल में यह भी दिखाया जाएगा कि कितना लीटर पानी एक महीने में खर्च किया गया है। इसकी विस्तृत जानकारी मोबाइल फोन के मैसेज द्वारा लोगों को दी जाएगी। इसके अलावा यदि ऑनलाइन भी उपभोक्ता अपना बिल जरनेट करना चाहना है तो उसे ऑनलाइन भी बिल मिल जाएगा। इसके अलावा तीसरा बिल उपभोक्ता को घर में मिल जाएगा। इसके लिए कंपनी अपने कर्मचारियों को डोर टू डोर भी भेजेंगे, ताकि उपभोक्ता यह न कहे कि उसे पानी का बिल ही प्राप्त नहीं हुआ है। पेयजल कंपनी का कहना है कि डिफाल्टर पानी के बिल न देने का तर्क हमेशा बिल न मिलना देते हैं। इसके कारण शहर में पानी के बिल न देने वाले डिफाल्टरों की संख्या भी हजारों में पहुंच गई है।
ऐसे में यदि पहले महीने में उपभोक्ता बिल नहीं देता है तो उसे बिल के अंतिम डेट के बाद भी संदेश मिलेगा। इस संदेश के जरीए पैनल्टी की जानकारी भी उपभोक्ता को मिलेगी। कंपनी का सॉफ्टवेयर इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि यदि उपभोक्ता तय समय पर बिल नहीं देता है तो उसे बाद उपभोक्ता को पेनल्टी भी लगाई जाएगी। इसके अलावा तीन महीने के बाद उपभोक्ता को तीन प्रकार से नोटिस भी दिए जाएंगे। यदि उसके बाद भी बिल नहीं मिलता है तो कंपनी उपभोक्ता को डिफाल्टर घोषत कर उसे अंतिम नोटिस देगा। इस नोटिस के तहत 15 दिन का समय दिया जाएगा और उसके बाद कंपनी ऑनलाइन ही कनेक्शन काट देगा और व्यक्ति का मीटर निकाला जाएगा। शिमला जल प्रबंधन निगम ने डिफाल्टरों को साफ दिशा-निर्देश दे दिए हैं कि यदि तय समय पर बिल नहीं दिया तो कनेक्शन काटा जाएगा। वहीं, फिर से कनेक्शन लेने के लिए पहले तो पुराने बिल पेनल्टी के साथ देने होंगे और उसके बाद नए कनेक्शन की तरह मीटर लगाने का पूरा खर्चा देना होगा। उसके बाद ही पेयज कनेक्शन मिलेगा। वहीं, पानी का बिल जमा न करने वाले डिफाल्टरों को कंपनी अब कोई छूट भी नहीं देने वाली है। वर्तमान में किश्तों में बिल जमा करने की छूट भी फाल्टरों को दी जाती है,लेकिन स्मार्ट मिटर लगने के बाद डिफाल्टरों को बिल जमा करने की कोई छूट नहीं दी जाएगी। डिफाल्टरों को एक मुश्त ही पानी का बिल जमा करना होगा। वहीं, सुएज कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि सॉफ्टवेयर के आधार पर डिफाल्टरों को शिकंजा कसा जाएगा। ताकि कंपनी को 100 प्रतिशत बिलिंग मिल सके।
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Shantanu Roy
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