![HP: बिजली सस्ती और बोर्ड के खर्चे कम हों HP: बिजली सस्ती और बोर्ड के खर्चे कम हों](https://jantaserishta.com/h-upload/2025/02/11/4378226-untitled-3-copy.webp)
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Shimla. शिमला। अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश की बिजली दरें कितनी होनी चाहिए, इसको लेकर सोमवार को विद्युत नियामक आयोग ने जनसुनवाई की। यहां पहुंचे लोगों ने कहा कि बिजली बोर्ड के खर्चों को कम किया जाए, ताकि उससे टैरिफ घटे। नियामक आयोग के अध्यक्ष डीके शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस जनसुनवाई में सभी स्टेक होल्डर के प्रतिनिधि मौजूद थे। यहां एक तरफ जहां इन प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी, वहीं दूसरी तरफ बिजली बोर्ड ने अपने प्रस्तावित टैरिफ की पैरवी की। बिजली बोर्ड ने यहां प्रेजेंटेशन दी और बताया कि आखिर उन्हें किस कार्य के लिए कितना पैसा चाहिए। वैसे बता दें कि इस बार बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी, क्योंकि बिजली बोर्ड ने पहले ही टैरिफ याचिका को संशोधित करके दिया है, जिसमें दरों को कम करने की सिफारिश की गई है। यहां उद्योगपतियों के प्रतिनिधियों ने भी कड़ा विरोध जताया और उनका कहना था कि पूर्व में सरकारों ने जो आश्वासन बिजली की दरों को लेेकर दिया था, वह आज पूरा नहीं हो रहा है। आगे टैरिफ को बढ़ाया जा रहा है, जिससे निवेशक खुश नहीं है। रिवाइज्ड पिटीशन के अनुसार अगले वित्त वर्ष के लिए बोर्ड ने आयोग से 9242.28 करोड़ रुपए की बजाय एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट 8970.59 करोड़ की रखी है। इसमें सीधे-सीधे 271 करोड़ की कमी कर दी गई है। ऐसा कई कारणों से हुआ है जिसमें सरकार द्वारा कोरपस फंड देने की बात कही है।
जो कि सरकार बिजली बोर्ड को देगी। विद्युत नियामक आयोग की तरफ से भी बिजली बोर्ड प्रबंधन को एक बार फिर से कहा गया है कि वह अपने खर्चों में कटौती करें। खासकर इम्प्लॉयज कॉस्ट को कम किया जाए, क्योंकि इस लागत के कम होने से ही खर्च कम होगा। इस दिशा में सरकार द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं और बिजली बोर्ड ने जो कदम हाल ही में उठाए हैं, उनके बारे में अधिकारियों ने विद्युत नियामक आयोग के समक्ष जानकारी रखी। यहां प्रेजेंटेशन में बताया गया कि खर्चों में कटौती के लिए उनकी क्या प्रस्तावना है और भविष्य की क्या रणनीति है। इस रणनीति पर चलते हुए आने वाले वक्त में बिजली बोर्ड किस तरह से फायदे में आ सकता है, इसके बारे में पूरी जानकारी रखी गई। इस दौरान स्टेक होल्डर्ज के प्रतिनिधियों ने कहा है कि बिजली की मौजूदा दरों को आने वाले वित्त वर्ष में कम किया जाना चाहिए। बिजली बोर्ड ने संशोधित याचिका में जो टैरिफ रखा है, उससे भी कम किया जाना चाहिए। इस पर बिजली बोर्ड ने भी अपना पक्ष रखा और बताया कि उसे किसलिए इतना पैसा चाहिए। बोर्ड ने अपने वार्षिक रेवेन्यू रिक्वायरमेंट की याचिका में 271 करोड़ 69 लाख रुपए की कमी का संशोधित मसौदा विद्युत नियामक आयोग को सौंपा है। इस कमी के बाद तय है कि हिमाचल प्रदेश में बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे और अगले साल या तो वर्तमान दरें ही रहेंगी या फिर इसमें और कमी हो सकती है।
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Shantanu Roy
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