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Palampur. पालमपुर। प्रदेश में बारिश की कमी के कारण चाय की पैदावार पर भी मार पड़ी है। चाय की अच्छी पैदावार के लिए सही समय पर बारिश के साथ सन-शाइन ऑवर्स का भी अहम रोल रहता है। यह कारक ठीक रहते हैं तो चाय की फसल अच्छी होती है और उत्पादन का आंकड़ा बढ़ता है। इस साल बारिश की बेरुखी से फसलोत्पादन को प्रभावित किया है, तो चाय की पैदावार भी इससे अछूती नहीं रही है। इस साल जून-जुलाई के बाद जरुरी बारिश और सन-शाइन आवर्स की कमी के कारण चाय की पैदावार का आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले काफी कम रहा है।
बीते वर्ष जहां प्रदेश में 11,53,234 किलो चाय का उत्पादन हुआ था। इस साल यह आंकड़ा कम होकर 8,67,216 किलो रह गया है। यानी मौसम की मार से पिछले के साल के मुकाबले इस साल अढ़ाई लाख किलो कम चाय तैयार हुई है। साल 1990 से लेकर 2002 तक चाय उद्योग बुलंदियों पर था और हर साल यहां पर दस लाख किलो से अधिक चाय का उत्पादन हो रहा था। चाय उत्पादकों के प्रयासों से 1998-99 में चाय उत्पादन के सभी रिकार्ड टूट गए और उस साल 17,11,242 किलो चाय का उत्पादन हुआ। विभिन्न कारणें से यह ट्रेंड जारी नहीं रह सका और पिछले कुछ सालों में तो चाय उत्पादन का आंकड़ा दस लाख किलो से कम ही रहा है।
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Shantanu Roy
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