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Nagrota Suriyan. नगरोटा सूरियां। चंबा के पांगी में तैनात डीएफओ डीएस डढवाल ने बीमार पत्नी के खातिर नौकरी से रिजाइन कर दिया। कैंसर से पीडि़त पत्नी की देखभाल के लिए उच्च अफसरों से कई बार लगाई गुहार काम न आने के बाद फोरेस्ट अफसर ने यह कदम उठाया है। मौजूदा समय में डीएस डढवाल पांगी में सेवाएं दे रहे थे। उनकी पत्नी बिंदू कंवर धर्मशाला के फरसेटगंज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बतौर केमिस्ट्री प्रवक्ता तैनात हैं। वह कैंसर से पीडि़त हैं। मूल रूप से कांगड़ा के परागपुर के रहने वाले डीएस डढवाल ने बताया कि उन्होंने इस बारे में कई बार उच्च अधिकारियों से बात की थी। कायदे अनुसार उनकी पोस्टिंग वन्य प्राणी विंग में होनी चाहिए थी। अपनी पोस्टिंग के लिए सरकार को भी निवेदन कई बार किया कि मेरी पत्नी की मेडिकल स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन कुछ नहीं हुआ। नौ माह पहले जब मेरी पोस्टिंग पांगी हुई थी, तब मैंने सरकार से निवेदन किया था कि मेरी पोस्टिंग धर्मशाला के नजदीक कर दी जाए। इसी बीच नौ महीने हो गए, कुछ नहीं हुआ।
परिवारिक परिस्थितियों ऐसी बन गई कि इस्तीफे के अलावा कोई चारा नहीं था। डढवाल ने बताया कि उन्होंने साढ़े 28 साल से अधिक सेवाएं दी हैं। अभी उनकी पोस्टिंग डीएफओ पांगी टेरिटोरियल डिवीजन में थी। डीएस डढवाल वन अधिकारी व एक प्रसिद्ध वन्यजीव प्रबंधक हैं, जो न केवल प्रदेश में, बल्कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रजातियों, विशिष्ट आवास दृष्टिकोण को समझने के कौशल और परिदृश्य स्तर पर समग्र रूप से पारिस्थितिकी की गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं। वहीं पौंग बांध झील का प्रबंधन, प्रदेश में पक्षियों की विविधता का दस्तावेजीकरण, मानव वन्यजीव इंटरफेस से निपटना, सांपों को संभालना आदि यह सब प्रयास श्री डढवाल की देन है। माफिया, तस्करों के खिलाफ डीएस डढवाल का सख्त रवैया रहा है। वह प्रदेश में वन्यजीव प्रबंधन के गहन संस्थापकों में से एक हैं और हमेशा खेतों में रहना पसंद करते हैं, एक वनपाल, गिद्ध संरक्षण में अग्रणी और राज्य की पक्षी विविधता का दस्तावेजीकरण करते हैं। श्री डडवाल को वन्यजीव प्रबंधन मुद्दों की उनकी व्यापक समझ के लिए कई प्रवर्तन एजेंसियों, शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों द्वारा आमंत्रित किया जाता है।
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