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Shimla. शिमला। केंद्र सरकार ने अपने एक कार्यक्रम के तहत किसानों व बागबानों को मिलने वाली ड्रिप इरिगेशन स्कीम की सबसिडी को कम कर दिया है। ड्रिप इरिगेशन के लिए लगने वाले उपकरण महंगे हो जाने की वजह से केंद्र सरकार ने सबसिडी की मात्रा को कम कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में पहले किसान व बागबानों को पर ड्रॉप, मोर क्रॉप योजना में 85 फीसदी तक सबसिडी प्रदान की जाती थी, जिसे घटाकर अब 55 फीसदी कर दिया है। यानि शेष राशि वहन अब किसानों व बागबानों को करनी होगी। पहले प्रदेश के बागबान मात्र 15 फीसदी राशि वहन करते थे, लेकिन अब उन्हें 45 फीसदी तक राशि वहन करनी होगी। हो सकता है कि इससे बागबान केंद्रीय योजना का ज्यादा लाभ न उठा सकें। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने हाल ही में इस संबंध में बागबानी विभाग को निर्देश भेजे हैं। इसमें कहा गया है कि ड्रिप इरिगेशन के लिए चलाए जा रहे प्रोजेक्ट के तहत सबसिडी को कम कर दिया गया है। ऐसे में जो आवेदन बागबानी विभाग के पास आए हुए हैं, उनको अब आने वाले समय में 55 फीसदी तक ही सबसिडी राशि मिलेगी। इससे बागबानों को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वह इस योजना का पूरा लाभ उठाने लगे थे। यह योजना न केवल बागबानों के लिए है, बल्कि प्रदेश के किसानों के लिए भी है। कृषि व बागबानी विभाग मिलकर इसे चलाते हैं। इसमें सबसे अधिक आवेदन किसानों के आते हैं और लाखों किसान इसका फायदा उठाना चाहते हैं।
बड़ी संख्या में किसानों ने इसका लाभ उठाया भी है। बताया जाता है कि अभी 500 से 600 आवेदन कृषि विभाग के पास लंबित पड़े हैं वहीं 100 से ज्यादा बागबानों की ओर से भी ऐसे आवेदन लंबित हैं, जिनको सबसिडी दी जानी है। केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले केंद्रीय राशि इसमें जारी नहीं की थी, जिस कारण से आगे इस योजना को नहीं बढ़ाया गया। यहां बताया जाता है कि ड्रिप इरिगेशन के तहत जो उपकरणों की खरीद के लिए पैसा दिया जाता है, उससे ये उपकरण नहीं आ रहे हैं। यानि इनका बाजार मूल्य बढ़ गया है और एक खेत के लिए जो उपकरण पहले दो लाख रुपए में लगते थे, वे राशि लगभग दो गुना हो चुकी है। ऐसे में किसानों पर इसका अतिरिक्त बोझ पड़ेगा वहीं राज्य सरकार यदि अपना शेयर डालती है तो कुछ राहत मिल सकती है, मगर राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है ऐसे में यहां किसानों व बागबानों को नुकसान झेलना पड़ेगा। खेतों में ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि पानी की काफी ज्यादा कमी रहती है और आसमान से बारिश नहीं हो रही है। ऐसे में तय समय पर जब पानी की जरूरत रहती है तो ड्रिप इरिगेशन से खेती को लाभ मिलता है। पूरे खेत को आसानी से इस माध्यम से सिंचित किया जा सकता है। मगर अब सबसिडी की राशि कम होने से नुकसान होगा। बताया जाता है कि कृषि व बागवानी विभागों की ओर से बड़ी संख्या में सबसिडी का लाभ प्रदान किया गया है।
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Shantanu Roy
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