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Shimla. शिमला। रामकृष्ण मिशन आश्रम में विवाद को लेकर बुधवार को हिमालयन ब्रह्मों समाज ने खुलासा किया है। हिमालय ब्रह्मों समाज के लोगों ने बताया कि कलश स्थापना को लेकर यह विवाद हुआ है। हिमालय ब्रह्मों समाज के ट्रस्टी एमआर सिंगरोली ने बताया कि जिस समय ब्रह्मों समाज के लोगों ने यहां पर कलश स्थापना की तो रामकृष्ण मिशन के लोगों ने इस कलश को यहां से बाहर कर दिया, जिसका हिमालयन ब्रह्मों समाज के लोगों ने विरोध किया। विरोध के दौरान रामकृष्ण मिशन के लोगों ने यहां पर लड़ाई-झगड़ा शुरू कर दिया। ब्रह्मों समाज के लोगों ने कई नेताओं को कॉल किया और यहां पर लोगों को बुलाया और उन्होंने डंडे और पत्थर उठाए हैं। इनकी वीडियो तक सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। ऐसे में हिमालय ब्रह्मों समाज की मांग है कि जिन लोगों ने यहां पर लड़ाई झगड़ा शुरू किया है, उन पर कार्रवाई अमल में लाई जाए। प्रेस कान्फ्रेंस में ब्रह्मों समाज के ट्रस्टी महेंद्र ठाकुर, हरीश कुमार, विशाल शर्मा, अनिल सूद और ज्योतिका शर्मा भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि रामकृष्ण मिशन ने अपने बयान में साफ कहा कि उन्होंने कई मंत्रियों को कॉल किया। ऐसे में इस मामले को रामकृष्ण मिशन वाले राजनीतिक मोड दे रहे हैं। हिमालय ब्रह्मों समाज के लोगों ने कहा कि जयराम ठाकुर या अन्य नेता इस मामले में राजनीतिक मोड न दें। यह दो पक्षों का मामला है और यह हाईकोर्ट में विचाराधीन है। यह मामला सिर्फ पूजा करने का है। हिमालय ब्रह्मों समाज को सिर्फ यहां पर पूजा करने से कोई न रोके, इसको लेकर हिमालय ब्रह्मों समाज मांग कर रहा है। वहीं, जमीनी विवाद को लेकर कोर्ट के जो आदेश होंगे, वह समाज के लोगों को मान्य होगा। हिमालयन ब्रह्मो समाज शिमला के ट्रस्टी मेलाराम सगरोली, ट्रस्टी विशाल शर्मा, अनिल सूद, राजकुमार भारद्वाज, ट्रस्टी धर्मपाल ठाकुर, ट्रस्टी हरीश कुमार, ट्रस्टी महेंद्र कुमार ने प्रशासन से अपील की कि इस घटना में शमिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और इन लोगों के खिलाफ पर्चा भी दर्ज किया जाए, ताकि ब्रह्म समाज के लोगों को न्याय मिल सके।
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