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Bilaspur. बिलासपुर। भारत सरकार द्वारा लागू दत्तक ग्रहण विनियम 2022 की दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया को अब सरल एवं पारदर्शी बनाया गया है। इसके तहत कोई भी दंपत्ति, एकल महिला या पुरुष बच्चा गोद ले सकता है, जिसके लिए तय प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया की शुरुआत सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (सीएआरए) की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन से होती है। इसके अलावा नजदीकी लोकमित्र केंद्र या जिला बाल संरक्षण इकाई में जाकर भी आवेदन किया जा सकता है। इसमें आधार कार्ड, पेन कार्ड, फोटो, विवाह प्रमाणपत्र, मेडिकल फिटनेस और जन्म प्रमाणपत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन जमा करने होंगे। बिलासपुर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले बरमाणा के गुग्गा मंदिर के पास एक बच्चा मिला था जिसे गोद लेने के लिए समाज के कई लोग आगे आए, लेकिन दत्तक ग्रहण अधिनियम और प्रक्रियाओं की सही जानकारी न होने के कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इस घटना के बाद समाज में दत्तक ग्रहण अधिनियम और प्रक्रियाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। भावी दत्तक माता-पिता शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से सक्षम होने चाहिए। उन्हें किसी गंभीर चिकित्सा समस्या का सामना नहीं करना चाहिए और उनके खिलाफ किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने या बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन के आरोप नहीं होने चाहिए। उन्होंने बताया कि विवाहित दंपति के लिए दोनों पति-पत्नी की सहमति आवश्यक है। एकल महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है, जबकि एकल पुरुष केवल बालक को गोद ले सकता है। स्थिर वैवाहिक संबंध न होने तक दत्तक ग्रहण की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि दत्तक माता-पिता और बच्चे के बीच न्यूनतम आयु का अंतर 25 वर्ष होना चाहिए। उन्होंने बताया कि दत्तक माता-पिता की पात्रता उनकी आयु और बच्चे की आयु के आधार पर तय की जाती है। हालांकि रिश्तेदारों या सौतेले माता-पिता द्वारा गोद लेने के मामलों में यह आयु सीमा लागू नहीं होती। जिन दंपतियों के पहले से दो या अधिक बच्चे हैं उन्हें केवल विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को गोद लेने की अनुमति होगी।
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