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Shimla. शिमला। प्रदेश में चीन से सटी भारत देश की सीमा पर तैनात जवानों को अब 24 घंटे, 12 महीने बिजली का इंतजाम रहेगा। इसके लिए एक लंबी बिजली ट्रांसमिशन लाइन तैयार की जाएगी। यह तय हो गया है कि इस लाइन का काम अब बिजली बोर्ड लिमिटेड ही करेगा, जिसे सरकार ने परमिशन दे दी है। पिछले दिनों इसे लेकर कुछ विवाद चल रहा था और इस ट्रांसमिशन लाइन को ट्रांसमिशन कारपोरेशन को सौंपने की बात हुई थी, मगर इसका विरोध हुआ और अब तय किया गया है कि बिजली बोर्ड इसका निर्माण करेगा। वर्तमान में किन्नौर व लाहुल स्पीति के साथ लगती चीन की सीमा पर देश की सुरक्षा के लिए डटे जवानों को बिजली की व्यवस्था सही तरह से नहीं मिल पा रही है। यहां पर 24 घंटे या साल भर बिजली नहीं होती और इस व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए ही केंद्र सरकार ने काजा से पूह बिजली ट्रांसमिशन लाइन को मंजूरी दे रखी है।
इस पर केंद्र सरकार 90 फीसदी राशि खर्च कर रही है और प्रदेश सरकार इसमें 10 फीसदी राशि देगी। 90-10 के अनुपात में मिली इस ट्रांसमिशन लाइन में समधो और काजा में दो ट्रांसमिशन स्टेशन बनाए जाएंगे। इस लाइन पर कुल 345 करोड़ का खर्च होना है। इसका निर्धारित टारगेट वर्ष 2028 तक का रखा गया है और तब तक इस लाइन का काम पूरा करके इसे सुचारू बनाया जाना है। इस ट्रांसमिशन लाइन का सबसे बड़ा फायदा न केवल सीमा पर डटे फौजी जवानों को होगा, बल्कि काजा व उसके साथ लगते सभी गांवों को सुदृढ़ बिजली की आपूर्ति होगी। यहां पर यदि सोलर प्रोजेक्ट भी लगाए जाएंगे, तो उससे होने वाले बिजली का उत्पादन भी इस लाइन द्वारा बाहर निकाला जा सकता है। यहां सेना के लिए भी सोलर प्रोजेक्ट्स के माध्यम से ही बिजली दी जाती है, जो कि बैटरी बैकअप के साथ हैं। भविष्य में इस तरह की जरूरत नहीं रहेगी।
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Shantanu Roy
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