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Shimla. शिमला। पूर्व पुलिस कर्मचारी की पत्नी ने पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर एससी-एसटी सहित प्रताडऩा के आरोप लगाए हैं। मामले की शिकायत पीडि़त पूर्व पुलिस कर्मचारी की पत्नी ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, गृह सचिव और आईजी को शिकायत पत्र भेज कर पुलिस अधिकारियों पर नौकरी से जबरन निकालने और पैनल रैंट वसूल करने सहित एससी-एसटी के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके शिमला पुलिस ने आईजी एसआर के निर्देशानुसार पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर मामले की कार्रवाई शुरू कर दी है। सदर पुलिस थाना शिमला में मीना नेगी पत्नी धर्मसुख नेगी गांव व डा. रामनी उपतहसील टापरी जिला किन्नौर की शिकायत पर एससी-एसटी एक्ट की धारा 3 1 में दर्ज किया है।
शिकायतकर्ता ने शिकायत में आरोप लगाया है कि पुलिस के उच्च अधिकारियों ने उच्च पद का दुरुपयोग करके बदले की भावना से अनुसूचित जनजाति समुदाय के अधीनस्थ पुलिस कर्मचारी और उसके परिवार को जातीय आधार पर मनगढंत मिथ्या, फरेब जाली दस्तावेज घृणा कर जाली विभागीय जांच कर आठ वर्षों का सेवा शेष रहते नौ जुलाई, 2020 को जबरन बिना पक्ष सुने पुलिस अधिकारियों ने नौकरी से निकाल दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसके पति को पुलिस मुख्यालय से आबंटित सरकारी आवास का जबरन पैनल रैंट 1,43,424 रुपए के वसूली के आदेश देकर उसके पति का लाखों रुपए का सेवानिवृत्ति लांभाश को 2020 से अब तक रोके रखा है। शिकायतकर्ता ने पुलिस अधिकारियों पर परिवार को जलील करने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसके पति एवं बच्चों को सामाजिक आर्थिक मानसिक ढंग से पुलिस अधिकारियों ने पूर्व सरकार में अत्याचार किया है। पूर्व पुलिस कर्मचारी की पत्नी ने पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों सहित पुलिस के दस वरिष्ठ आधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
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