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Theog. ठियोग। इन दिनों हिमाचल प्रदेश में जल शक्ति विभाग सुर्खियों में बना हुआ है। अभी पानी घोटाला विजलेंस जांच के घेरे में ओर एक नया मामला सामने आया है। जिला शिमला के विधानसभा क्षेत्र कुसुम्पटी कुफरी के साथ लगती धरभोग पंचायत का है। यहां ग्रामीणों ने बताया कि उनके क्षेत्र में एक 22 कमरों का निजी होटल दो सालों से चल रहा है ओर होटल की ओर से आज तक सीवरेज का ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया गया है। हाल ही में बीते कुछ दिन पहले होटल की सारी गंदगी पीने के पानी के सोर्स में छोड़ दी गई, जिस कारण पंचायत के गांव धाला व पराड़ी गांव के लोग बीमार होना शुरू हो गए। पंचयात की सदस्य निशा शर्मा ने बताया कि जब लोगों के बीमार होने की संख्या बढऩे लगी तो उन्होंने जल शक्ति विभाग को उनके पानी के सैंपल लेने के लिए कहा ओर गांव के लोगों के साथ मिलकर सोर्स की जांच को निकली। मौके पर देखा गया कि एक निजी होटल की सारी गंदगी पीने के पानी के सोर्स में मिल रही है, जिस कारण 100 की आबादी वाले पूरे गांव के लोग बीमार हो गए और उल्टी-दस्त के शिकार हो गए हैं।
उधर, गांव के प्रेम शर्मा ने बताया कि उनके बुजुर्ग कई दशकों से यहां के पीने के पानी को पी रहे है। साल 2008 में इसे विभाग ने अपने कब्जे में किया। अब होटल की गंदगी इसमें छोड़ दी गई है, जिस कारण पूरा गांव बीमार हो गया है। वहीं,नितेश शर्मा ने बताया कि पहले तो यह समझ में ही नहीं आ रहा था कि लोग बीमार कैसे हो रहे है। जब आंकड़ा बढऩे लगा तो पानी के सोर्स में जाकर देखा कि पानी में सीवरेज का पानी छोड़ा गया है। सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि पानी जीवन का मुख्य अंग है और इसे दूषित करने वालो पर कार्यवाई होनी चाहिए। दो सालों से होटल चल रहा है ओर बिना सीवरेज प्लांट के होटल किन मानकों पर चल रहा है। यह एक सवाल बना हुआ है। पंचायत सदस्य निशा शर्मा ने बताया कि अगर जल्द उनकी इस समस्या का समाधान नही किया गया, तो मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा, जिसके लिए गांव के लोग जिम्मेदार नही होंगे। 22 कमरों का जो एक होटल चल रहा है, वह एक नामी होटल है ओर सीवरेज प्लांट के बिना कैसे यह होटल चल रहा है। इसकी अनुमति किसने उन्हें दे दी। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी कोई ठोस कदम क्यों नही उठाए गए। आखिर आमजन के जीवन के साथ खिलवाड़ को लेकर संबंधित विभाग गंभीर क्यों नहीं हुआ।
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