![राजधानी में नियमों को दरकिनार कर धड़ाधड़ बन रहे मकान राजधानी में नियमों को दरकिनार कर धड़ाधड़ बन रहे मकान](https://jantaserishta.com/h-upload/2024/07/29/3908143-untitled-20-copy.webp)
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Shimla. शिमला। शिमला शहर में पिछले काफी समय से लगातार अवैध निर्माण के मामले सामने आ रहे हैं। नगर निगम की अधिकारियों की चैकिंग और कड़ी बंदिशों के बावजूद ये मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। नगर निगम हाउस में भी लगातार अवैध निर्माण की शिकायतें पाषद उठाते हैं उसके बाद भी लोग नहीं मानते। बीते दिनों में भी नगर निगम की एपी ब्रांच में पांच से छह मामले ऐेसे आए हैं जहां लोगों ने नियमों के खिलाफ भवनों का निर्माण कर दिया था। नगर निगम के एपी महबूब शेख की ओर से इन सभी भवनों को तोडऩे के निर्देश दिए गए हैं। स्पॉट विजिट के दौरान पाया गया सारा निर्माण गलत तरीके से किया गया था। इसमें संजौली में दो मंजिला भवन तोडऩे के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही पंथाघाटी में दो मंजिलों की एक्सटेंशन तोडऩे, टुटू में नर्सिंग होम बिजली काटने के निर्देश दिए गए।
इसके साथ ही संजौली में चौथी मंजिल को तोडऩे, हिमलैंड के पास तीसरी मंजिल तोडऩे, न्यू शिमला में ढारा तोडऩे के निर्देश दिए गए हैं। अवैध भवनों से बरसात के मौसम में अनहोनी होने का खतरा बना रहता है। बारिश के कारण शिमला में कई बहुमंजिला भवन गिर चुके हैं, जबकि कई मकानों को अनसेफ घोषित किया जा चुका है लेकिन लोग अवैध निर्माण करने से बाज नहीं आ रहे हैं, जिसका खमियाजा बरसात में लोगों को भुगतान भी पड़ रहा है। लोग सहम जाते हैं। राजधानी शिमला में करीबन 10 हजार से अधिक अवैध भवन हैं जो बिना नक्शे और अनुमति के बने हैं। इन भवनों का निर्माण नियमों को दरकिनार कर किया गया है, ऐसे में यह भवन कभी भी कहर बरपा सकते हैं। शिमला में लगातार असुरक्षित भवन निर्माण बढ़ता जा रहा है, लेकिन नगर निगम प्रशासन अवैध निर्माण रोकने को लेकर कोई स त कार्रवाई अब तक नहीं कर पाया है। इसी का नतीजा है कि शहर में धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रखकर भवन मालिक अवैध निर्माण कर रहे हैं। पहाडिय़ों को खोदकर यहां पर मकान बनाए जा रहे हैं।
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