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संस्कृत कालेज में पुरानी बिल्डिंग में मिलेगी छात्रावास की सुविधा

Shantanu Roy
13 Sep 2023 12:50 PM GMT
संस्कृत कालेज में पुरानी बिल्डिंग में मिलेगी छात्रावास की सुविधा
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शिमला। राजकीय संस्कृत कालेज फागली में पहली बार नैक की टीम आने वाली है। कालेज प्रशासन ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके बाद नैक की ओर से कॅलेज को एक यूनिक आईडी प्राप्त हो गई है। इसी आईडी द्वारा कालेज प्रशासन नैक को एसएसआर रिपोर्ट सौंपी जाएगी। जिसके बाद अगले साल मार्च-अप्रैल तक नैक कालेज का दौरा करेगी। फागली में संस्कृत कालेज बनने के बाद कालेज में पहली बार नैक की टीम आएगी। पिछले साल कालेज को अपनी स्थाई बिल्डिंग मिली है। इससे पूर्व संस्कृत कालेज नई बिल्डिंग के नजदीक ही बने एमसी शिमला के भवन में चल रहा था। इसमें कालेज प्रशासन अब छात्रों के लिए होस्टल की सुविधा मुहैया करवाने जा रहा है, जिसमें 50 छात्र रहेंगे। संस्कृत महाविद्यालय फागली मेें गुरु-शिष्य परंपरा का अनुसरण किया जाता है। छात्र प्राचीन भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा की भांति कालेज में आचरण करते है।
वहीं, कालेज के शिक्षक भी उसी परंपरा के तहत छात्रों को पढ़ते है। गुरु-शिष्य की परंपरा को जीवित रखने के लिए कालेज शिक्षक साल में कई बार छात्रों को इस परंपरा से अवगत करवाते है। जिसमे गुरु-शिष्य के प्रति तथा शिष्य गुरु के प्रति समर्पित होता है। कालेज का सत्र हर साल मंगलाचरण पाठ से होता है। इसमें इस साल कालेज ने अगस्त केे महीने में मंगलाच्चारण पाठ करवाया। इसमें कालेज छात्रों समेत आसपास के सभी विद्वान लोगों ने भाग लिया। दो दिन तक चले पाठ में छात्रों ने बढ़-चढक़र अपनी प्रतिभाओं को उजागर किया और संस्कृत के श्लोकों को पढ़ा। महाविद्यालय प्राचार्य डाक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि इस सत्र में प्रथम साल में 80 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया, जिसके बाद कालेज के सभी छात्र-छात्राओं की संख्या 285 पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि हर साल प्रदेश के कोने कोने से छात्र संस्कृत की पढ़ाई करने के लिए महाविद्यालय में पढऩे आते हैं। कालेज में संस्कृत के पांच विषयों में स्नातक की पढ़ाई करवाई जाती है। इन विषयों में संस्कृत के पांच परंपरागत विषय पढ़ाए जा रहे हैं। इनमें व्याकरण, साहित्य, वेद, दर्शन और ज्योतिष के विषय सम्मिलित है। वहीं, परंपरागत विषयों के अलावा हिंदी, अंग्रेजी व इतिहास जैसे आधुनिक विषयों में छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। कालेज प्रबंधन ने बताया कि सरकार से अनुमति मिल जाने के बाद कर्मकांड डिप्लोमा शुरू किया जाएगा, जिसको पढक़र छात्र स्वरोजगार भी कर सकते है।
राजकीय संस्कृत कालेज फागली में कालेजों में गठित की जाने आम समितियों के अलावा कई ऐसी भी समितियां गठित की गई है, जो अपने आप में अनोखी है। इनमें रंगोली कमेटी, भोजन कमेटी, स्वच्छता कमेेटी और मंच संचालन जैसी कई कमेटियां गठित की गई हैं। कालेज प्रबंधन ने बताया कि इन कमेटियों में छात्र होते है, जिन्हें हर महीनेे बाद बदला जाता है। इन कमेटियों का मकसद छात्रों को हर गतिविधि में पारंगत बनाना है। प्रत्येक कमेटी के शिक्षक समन्वयक होते है, जिसका काम अपनी-अपनी कमेटियोंं को अच्छे से चलाना है। संस्कृत कालेज फागली में कालेज में पास अपनी होस्टल बिल्डिंग नहीं है। कुछ दिनों मेें संचालित हो रहा एकमात्र कालेज एमसी शिमला के भवन पर चलेगा। इसके लिए कालेज प्रशासन एमसी को किराया देगा। इससे पूर्व इस इमारत में कालेज चल रहा था, जिसे बीते साल नए भवन में शिफ्ट किया गया है। इसे अब कालेज प्रशासन होस्टल के रूप में इस्तेमाल करेगा। कालेज प्राचार्य डाकटर मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि एमसी के भवन में शुरू होने वाले होस्टल के लिए कोलेज एमसी को किराया देगा।
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