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लैंड स्लाइडिंग सडक़ बहाली की फिर टूटी उम्मीद

Shantanu Roy
23 April 2024 11:25 AM GMT
लैंड स्लाइडिंग सडक़ बहाली की फिर टूटी उम्मीद
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भरमौर। खड़ामुख-होली मार्ग पर छह दिन के बाद सोमवार को यातायात बहाल होने की उम्मीदें दोबारा हुए भू-स्खलन के साथ टूट गई है। सोमवार को दिन भर सडक़ के इस हिस्से में लगातार पत्थर और मलबा गिरता रहा। इसके चलते लोक निर्माण विभाग सडक़ बहाल करने हेतु अपनी मशीनरी भी नहीं लगा पाया है। लिहाजा अब आगामी कुछ दिनों में सडक़ पर यातायात बहाल होने की कोई संभावना यहां पर नहीं दिख रही है। चंूकि ऊपरी हिस्से में जिस तरह से दरारें आई है, उससे इतना तो तय है कि आगामी दिनों में यहां पर बड़ा भू-स्खलन होगा। बहरहाल होली तहसील की 12 पंचायतों की हजारों की आबादी को किसी भी ओर से अब राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। उल्लेखनीय है कि गत मंगलवार रात को होली मार्ग पर खड़ामुख के दुंदा पुल के पास बड़ा भू-स्खलन हुआ था। इसके बाद से होली घाटी के लिए सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है। हालांकि भरमौर से ग्रीमा और फिर सियूंर पुल होकर हलके वाहनों की आवाजाही हो रही है, लेकिन लकड़ी के बने इस पुल पर यकायक बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही होने के चलते इसके क्षतिग्रस्त होने का भी खतरा है। सोमवार के दिन कुछ समय के लिए ही पीडब्ल्यूडी यहां पर कार्य कर पाई है। इसके बाद से यहां पर लगातार भू-स्खलन हो रहा है। होली मार्ग के ठीक उपर कुठेड़ हाइड्रो प्रोजेक्ट की सडक़ भी है और यह भू-स्खलन की जद में आकर तहस-नहस हो चुकी है।
स्थानीय लोगों की मानें तो प्रोजेक्ट रोड से चालीस से पचास मीटर ऊपर तक यहां पर दरारें आई हुई है। ऐसी स्थिति में यहां पर अभी भू-स्खलन होने का खतरा बरकरार है। सोमवार को भारी मात्रा में मलबा और चट्टानें ऊपर की तरफ से गिरी है और इसकी जद में आकर होली मार्ग का कुछ ओर हिस्सा तहस-नहस हो गया है। अब मात्र एक से डेढ़ मीटर सडक़ ही यहां पर बच पाई है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को रोड के बंद होने का छठा दिन था। क्षेत्र में लंबे अंतराल के बाद ऐसा समय आया है, जब किसी सडक़ को बंद हुए इतने दिन हो गए हैं। उधर, लोक निर्माण विभाग के गरोला स्थित कनिष्ठ अभियंता अजय कुमार का कहना है कि सोमवार को दिन भर भू-स्खलन हुआ है। इसके चलते विभाग की मशीनरी यहां पर कार्य ही नहीं कर पाई है। उनका कहना है कि भू-स्खलन का दौर थमने के बाद ही यहां पर सडक़ बहाली को लेकर कार्य किया जा सकता है।
होली मार्ग पर जिस स्थान पर भू-स्खलन हो रहा है उसी के आसपास रावी नदी पर निर्माणाधीन 240 मैगावाट के कुठेड़ हाइड्रो प्रोजेक्ट का अंडर ग्राउंड पावर हाउस का काम चल रहा है, जबकि ऊपरी हिस्से में सर्ज शॉफ्ट व एडिट छह है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उपरोक्त कार्यों के लिए यहां पर की गई ब्लॉस्टिंग के कारण पहाड़ बुरी तरह से खोखले हो चुके है और इसी बजह से यहां पर भू-स्खलन शुरू हो गया है। वहीं ऊपरी हिस्से में आई दरारों के पीछे की बजह भी इसी को स्थानीय लोगों ने बताया है। लिहाजा खड़ामुख के दुंदा पुल के पास लगातार हो रहे भू-स्खलन के पीछे की बजह जानने के लिए भू-वैज्ञानिकों को मौके पर बुलाने की मांग भी लोग कर रहे है। ताकि भू-स्खलन होने के सही कारणों का पता चल सकें। भू-स्खलन के चलते बंद पड़े होली रोड के ऊपरी हिस्से से हो रही लोगों की पैदल आवाजाही भी सोमवार को थम गई है। पता चला है कि सोमवार को हुए भू-स्खलन के कारण यहां बनाया गया पैदल रास्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके चलते लोगों की मुश्किलें भी यहां पर बढ़ गई हंै। हालांकि यहां कार्यरत हाइड्रो कंपनी ने लोगों की पैदल आवाजाही के लिए रास्ता बनाने शुरू कर दिया है, लेकिन जिस पैमाने पर सोमवार से यहां फिर से भू-स्खलन आरंभ हुआ है उसका ठीक हो पाना मुमकिन नहीं है।
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