
Holi Special | होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आस्था और परंपराओं का संगम भी है। देश में कई जगहों पर होलिका दहन की अलग-अलग मान्यताएं हैं, लेकिन एक गांव ऐसा भी है, जहां होलिका को गांव की बेटी माना जाता है।
होलिका की विदाई पर नारियल भेंट करने की परंपरा
गांव के लोग सालों से यह मानते आ रहे हैं कि होलिका उनकी बेटी है, और उसकी विदाई के समय नारियल (श्रीफल) भेंट करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां के लोग होलिका दहन के दौरान अपनी इच्छाओं को नारियल के रूप में अर्पित करते हैं और विश्वास करते हैं कि इससे उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
गांव में जलती रहती है धूणी
इस गांव में एक खास परंपरा यह भी है कि होलिका दहन की धूणी (पवित्र अग्नि) लगातार जलती रहती है। ग्रामीण इसे शुभ मानते हैं और सालभर इस अग्नि को जलाए रखते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह धूणी गांव की समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।
आस्था और परंपरा का संगम
यह परंपरा न सिर्फ आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और मान्यताओं की अनूठी झलक भी पेश करती है। गांववाले इस परंपरा को सदियों से निभाते आ रहे हैं और इसे अपनी संस्कृति का अहम हिस्सा मानते हैं।
