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Shimla. शिमला। स्थानीय निकाय या पंचायत स्तर पर अढ़ाई लाख से अधिक की खरीद पर अब टीडीएस कटवाना होगा। जीएसटी अधिनियम के तहत यह व्यवस्था अनिवार्य की गई है। यह बात राज्य कर और उत्पाद शुल्क की सहायक आयुक्त पूनम ठाकुर ने कही है। पंचायत सचिव और चयनित प्रतिनिधियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी अधिनियम के तहत कोई भी स्थानीय निकाय या पंचायत जो 2.5 लाख से अधिक मूल्य की कर योग्य वस्तुओं या सेवाओं की खरीद करता है, उसे स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) काटनी होगी। सार्वजनिक व्यय में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए यह प्रावधान किए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर बनाए कानूनों को जमीनी स्तर पर पालन होना आवश्यक है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर कर कानूनों का अनुपालन बनाए रखने के लिए यह प्रावधान आवश्यक है।
सरकार को कर राजस्व का उचित प्रवाह सुनिश्चित करना है, ताकि इसका उपयोग सार्वजनिक कल्याण योजनाओं के लिए किया जा सके। सहायक आयुक्त ने प्रतिनिधियों को यह भी आश्वासन दिया कि राज्य कर और उत्पाद शुल्क विभाग जीएसटी नियमों के सुचारू अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के लिए समय पर जीएसटी पंजीकरण के महत्त्व पर जोर देने की आवश्यकता है। इस मौके पर निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायत सचिवों ने चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया और अपनी खरीद प्रक्रियाओं से संबंधित विशिष्ट परिदृश्यों के बारे में सवाल उठाए। उन्होंने पंचायत अधिकारियों और स्थानीय निकायों के लिए ऐसे और अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी घोषणा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने जीएसटी दायित्वों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं।
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