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पहाड़ी राज्यों को एकजुट करेगा Himachal Pradesh

Shantanu Roy
8 Oct 2024 10:04 AM GMT
पहाड़ी राज्यों को एकजुट करेगा Himachal Pradesh
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Shimla. शिमला। प्राकृतिक आपदाओं के बाद केंद्र सरकार से मिलने वाली राहत पर हिमाचल प्रदेश देश के अन्य पहाड़ी राज्यों को एक मंच पर लाने जा रहा है। हिमाचल 16वें वित्त आयोग से डिजास्टर रिस्क इंडेक्स में बदलाव की मांग करेगा, ताकि चक्रवात की तरह भू-स्खलन के मुआवजे को भी बढ़ाया जा सके। 16वें वित्त आयोग की टीम हिमाचल के दौरे पर जून 2024 में आई थी। इसमें राज्य सरकार की ओर से वित्त आयोग के अध्यक्ष डा. अरविंद पनगढिय़ा के सामने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पक्ष रखा था। राज्य सरकार ने अपनी प्राप्तियों के आधार पर रिवेन्यू डेफिसिट ग्रांट जारी रखने की मांग की थी और आपदा राहत के फार्मूले को भी बदलने को कहा था। इसके बाद कुछ बिंदुओं पर वित्त आयोग ने हिमाचल से क्लेरिफिकेशन भी ली है। इसी बीच वित्त आयोग अन्य राज्यों के दौरा भी कर चुका है। दरअसल, हिमाचल कुल 33 प्रकार की आपदाओं में से 25 प्राकृतिक आपदाओं के
लिए संवेदनशील है।


भारत सरकार का डिजास्टर रिस्क इंडेक्स, जो 15वें वित्त आयोग ने फाइनल किया था, उसमें साइक्लोन के मुकाबले लैंडस्लाइड को कम महत्त्व दिया गया है। इसलिए मैदानी या कोस्टल राज्यों के मुकाबले पहाड़ी राज्यों को कम पैसा मुआवजे में मिलता है। इसी कारण हिमाचल के मुख्यमंत्री की ओर से सिक्किम, उत्तराखंड और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा गया है। इसमें यह सुझाव दिया गया है कि सभी पहाड़ी राज्यों को नए वित्त आयोग के सामने एक मंच पर आकर बात करनी चाहिए, ताकि इंडेक्स में बदलाव किया जा सके। मुख्यमंत्री के इस पत्र पर फॉलोअप मुख्य सचिव कर रहे हैं। वह अपने स्तर पर इन पहाड़ी राज्यों के मुख्य सचिवों के संपर्क में हैं। वित्त आयोग में दोबारा से जाने से पहले इसका आधार तैयार किया जा रहा है। इसके बाद हिमाचल समेत अन्य पहाड़ी राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष से मिलने दिल्ली जाएंगे। यदि एक बार इंडेक्स में बदलाव हो गया, तो आने वाले वर्षों के लिए यह बड़ी राहत होगी।
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