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Una. ऊना। गत दिनों से जिला ऊना में धुआं रहित धुंध के छाने के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी आ रही है। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को नई गाइडलाइन जारी कर दी है और लोगों को वायु प्रदूषण से बचने के लिए 95-मास्क पहनने की अपील की है। बता दें कि धुआं रहित धुंध से सबसे ज्यादा उन लोगों को परेशानी हो रही है, जिनके सांस, फेफड़ों व आंखों से संबंधित बीमारियां हैं। ऐसे लोगों को घर से बाहर निकलने व सफर के दौरान सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण एक बड़ा और गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है। गौर हो कि डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि प्रदूषित हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने से हर साल करीब सात मिलियन लोगों की मौत होती है, जिससे स्ट्रोक, हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और निमोनिया सहित सांस संक्रमण जैसी बीमारियां होती हैं। उद्योग, परिवहन, कोयला विद्युत संयंत्र और घरेलू ठोस ईंधन का उपयोग वायु प्रदूषण में प्रमुख कारण हैं।
खतरनाक दर से बढ़ रहा वायु प्रदूषण अर्थव्यवस्थाओं और लोगों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। यह महिलाओं, नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों को असमान रूप से प्रभावित करता है। प्रदूषण विभाग के अनुसार धुआं रहित धुंध बिना बारिश से पड़े सूखे के कारण, तूफान व तेज हवाएं न चलने के कारण धुआं व गैस निचली स्तर पर ही घूम रही है। पहाड़ी व डाउन एरिया होने के कारण वायु प्रदूषण बढ़ा है। इससे राहत पाने के लिए खराब मौसम, बारिश व हवाएं चलना जरूरी हैं। शहर के बुद्धिजीवी लोगों के अनुसार पंजाब में किसानों द्वारा धान की फसल के बाद बची पराली को जलाने से पैदा हुआ धुंधा, दिवाली के उपलक्ष्य पर लोगों द्वारा चलाए गए पटाखों व आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण की समस्या पैदा हुई है। प्रदूषण विभाग ऊना के जेई गुरप्रीत सिंह ने बताया कि जिला ऊना का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 82 है, जो सामान्य है। उन्होंने बताया कि 100 से कम एक्यूआई होना एक सामान्य बात है। अगर 100 से ज्यादा एक्यूआई है, जो चिंता का विषय होता है। सूखे के कारण व हवाओं के चलने से निचले स्थानों पर धुआं व गैस निचले स्तर पर रुक जाती है, जिससे क्षेत्र में लोगों को वायु प्रदूषण के कारण समस्याएं आ सकती हैं।
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