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HeadConstable: लापता नहीं, छिपा हुआ था हैडकांस्टेबल

Shantanu Roy
15 Jun 2024 9:19 AM GMT
HeadConstable: लापता नहीं, छिपा हुआ था हैडकांस्टेबल
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Nahan. नाहन। हिमाचल सीआईडी ब्रांच व जिला पुलिस ने बावजूद गायब हेडकांस्टेबल जसवीर सैणी के पास किसी भी तरह के अपने पास मोबाइल फोन न होने पर भी ट्रेस करने में बड़ी कामयाबी हासिल कर राहत की सांस ली है। डीआईजी सीआईडी ब्रांच डीके चौधरी ने शनिवार को नाहन में आयोजित प्रेस वार्ता में खुलासा किया कि हम इस थियोरी पर आगे बढ़े हैं कि कोई भी व्यक्ति आज के दौर में दो चार घंटे से अधिक मोबाइल से दूर नहीं रह सकता। ऐसे में बीती शाम जैसे ही गायब हेडकांस्टेबल ने किसी के मोबाइल फ़ोन से अपने परिचित को फोन लगाया, वैसे ही उसकी लोकेशन हरियाणा के नारायणगढ़ से ट्रेस हो गई, जिसके बाद आईपीएस अधिकारी डीएसपी पांवटा साहिब के नेतृत्व में गायब पुलिस कर्मी को ट्रेस कर नाहन लाया गया है, जिसके बाद आगामी कार्यवाही की तैयारियां की जा रही है। डीआईजी ने बताया कि हैडकांस्टेबल जसवीर लापता नहीं हुआ था, बल्कि वह जानबूझकर छुपा हुआ था। वह अपने परिजनों के संपर्क में था। जसवीर की तबीयत ठीक नहीं थी, जिसके बाद मेडिकल
कालेज नाहन में भर्ती करवाया गया है।
मामले में अब विभागीय कार्रवाई होगी। एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने बताया कि कालाअंब के देवनी में हुई पंजाब के लोगों द्वारा स्थानीय लोगों के साथ की गई मारपीट के जिस मामले के बाद हैडकांस्टेबल का यह पूरा प्रकरण हुआ है, उसकी जांच का जिम्मा भी अब सीआईडी को सौंप दिया गया है। पूरे मामले से पहले ही कालाअंब में तैनात हैडकांस्टेबल जसवीर के खिलाफ एक व्यक्ति ने 17 मई को उन्हें शिकायत सौंपी थी। शिकायत में जसवीर पर 45 हजार रुपए की रिश्वत के आरोप लगाए गए थे। इस दौरान शिकायतकर्ता द्वारा एक ऑडियो रिकार्डिंग भी पुलिस को उपलब्ध करवाई गई थी। मामले में जांच का जिम्मा डीएसपी हैडक्वार्टर रमाकांत ठाकुर को सौंपा गया था। शुरुआती जांच में आरोपों की पुष्टि पाई गई थी। मामले में आगामी जांच व कार्रवाई की जानी थी, लेकिन इस बीच जसवीर द्वारा वीडियो वायरल करने व छिप जाने का नया प्रकरण सामने आया। मारपीट का जो मामला देवनी में सामने आया, उसके वीडियो में पता चल रहा है कि पंजाब के लोग किस तरह से युवक पर डंडे बरसा रहे हैं। ऐसे में जब पीडि़त पक्ष हैडकांस्टेबल की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुआ, तो उन्होंने उन्हें शिकायत की। शिकायत पर हैडकांस्टेबल को सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कार्रवाई करने की बजाय वीडियो वायरल कर दिया।
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