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हरियाणा के कृषि मंत्री ने की पुरुषोत्तम रुपाला से मुलाकात, डेयरी विकास और मत्स्यपालन की योजनाओं की मांग

Kunti Dhruw
26 Sep 2021 3:15 PM GMT
हरियाणा के कृषि मंत्री ने की पुरुषोत्तम रुपाला से मुलाकात, डेयरी विकास और मत्स्यपालन की योजनाओं की मांग
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मछली पालन के लिए किसानों को लीज पर दी जाएगी।

मछली पालन के लिए किसानों को लीज पर दी जाएगी कृषि के लिए अनुपयोगी साबित हो चुकी जमीन, 2024-25 तक 4000 हैक्टेयर भूमि में होगा मछली पालन.हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने नई दिल्ली में केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला से मुलाकात की. उन्होंने प्रदेश में दुग्ध, पशुपालन (Animal Husbandry) व मछली पालन के क्षेत्र में हुए विकास के बारे में जानकारी दी. प्रदेश में इस क्षेत्र में विस्तार की संभावनाओं के बारे में बताते हुए नई विकास योजनाओं के लिए मांग रखी. पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि कृषि के साथ अन्य विकल्पों को अपनाकर किसानों की आय (Farmers Income) को दोगुना करना है.

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इसी लक्ष्य का एक हिस्सा है, जिसमें देश के मछली पालकों के लिए अनेक सुविधाएं दी गई हैं. योजना के तहत सभी प्रोजेक्ट्स पर सामान्य जाति के प्रार्थियों को 40 प्रतिशत व अनुसूचित जाति व महिला प्रार्थियों को 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है.मछली पालन का नया लक्ष्य
उधर, दलाल ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि हरियाणा प्रदेश में केन्द्र की इस योजना को जोरशोर से लागू किया गया है. प्रदेश में झींगा मछली पालन (Fisheries) जहां वर्ष 2014 में केवल 28 हैक्टेयर भूमि तक सीमित था, वहीं अब 493 हैक्टेयर भूमि में मछली पालन किया जा रहा है. वर्ष 2024-25 तक इसे 4 हजार हैक्टेयर भूमि तक किए जाने का लक्ष्य है. कृषि के लिए अनुपयोगी साबित हो चुकी जमीन को मछली पालन के लिए किसानों को लीज पर दी जाएगी.
पशुओं का किया गया है बीमा
कृषि मंत्री ने बताया कि मछली पालन के अलावा प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार पशुपालकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दे रही है. प्रदेश में पशुओं का बीमा कर पशुपालकों को जोखिम रहित किया गया है. वहीं कृत्रिम गर्भाधान स्कीम से नस्ल सुधार पर जोर दिया जा रहा है. पशुपालक गायों (Cow) के लिए 100 प्रतिशत व भैंसों के लिए 50 से 60 प्रतिशत तक इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
दूध की उपलब्धता में वृद्धि
दलाल ने बताया कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन (Milk Production) में दो दशकों में ढाई गुणा तक वृद्धि हुई है. दूध की उपलब्धता जो वर्ष 2016-17 में 930 ग्राम प्रति दिन प्रति व्यक्ति थी, वो अब 1344 ग्राम तक हो गई है. उन्होंने केन्द्रीय मंत्री रूपाला से प्रदेश में मछली एवं पशुपालन के लिए अन्य विकास योजनाओं को क्रियान्वित करने की मांग रखी, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने उचित आश्वासन दिया.


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