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15 से 18 साल के 82 फीसदी स्कूली बच्चों को कोरोनारोधी वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है
15 से 18 साल के 82 फीसदी स्कूली बच्चों को कोरोनारोधी वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है लेकिन 5800 शिक्षकों ने अभी वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई है। दूसरी तरफ बोर्ड परीक्षाओं और कोरोना की स्थिति को देखते हुए सरकार के आदेश पर मंगलवार से 10वीं से 12वीं तक के स्कूल खुल जाएंगे।
पहली डोज लगवा चुके विद्यार्थियों को ही स्कूल में प्रवेश मिलेगा। विद्यार्थियों को स्कूल आने के लिए अभिभावकों का सहमति पत्र साथ लाना होगा। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को खोलने की पूरी तैयारी की है। कमरों का सैनिटाइजेशन करवाया गया है। बच्चे अलग-अलग द्वार से स्कूलों में आएंगे-जाएंगे। जिन शिक्षकों ने अभी तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई है उन्हें जल्द टीका लगवाने को कहा है।
6888 शिक्षकों ने एक ही डोज लगवाई है। 102722 शिक्षकों में से 90081 ने दोनों डोज ले ली हैं। झज्जर में 99, करनाल-पंचकूला में 98-98, अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी में 97-97, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, यमुनानगर में 96-96, जींद-सोनीपत 95, महेंद्रगढ़ 94, पलवल, पानीपत, सिरसा में 93, भिवानी, कैथल में 92-92, चरखी दादरी 91, हिसार 89 व नूंह में 86 फीसदी शिक्षकों ने ही टीकाकरण करवाया है।
स्कूलों में 15 से 18 साल के 654490 बच्चे हैं, जिनमें से 527529 ने पहली डोज ले ली है। गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी जिले सबसे ऊपर हैं, जबकि नूंह में सबसे कम 42 फीसदी ही बच्चों का टीकाकरण हुआ है। नूंह के शिक्षकों व बच्चों में अब भी टीका लगवाने को लेकर मन में भ्रांतियां हैं। हिसार व रोहतक में भी बच्चों का 71-71 प्रतिशत ही टीकाकरण हुआ है। अभी प्रदेश में ऐसा कोई जिला नहीं है, जहां बच्चों व शिक्षकों का शत-प्रतिशत टीकाकरण हो चुका हो।
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