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बिजली बेचने व खरीदने के लिए सरकार स्थापित करेगी ऊर्जा ट्रेडिंग डैस्क

Shantanu Roy
18 Sep 2023 9:12 AM GMT
बिजली बेचने व खरीदने के लिए सरकार स्थापित करेगी ऊर्जा ट्रेडिंग डैस्क
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शिमला। हिमाचल में बिजली के व्यापार को बढ़ावा देने और बिजली को बेचने और खरीदने के लिए प्रदेश सरकार एकल ऊर्जा ट्रेडिंग डैस्क स्थापित करेगी। सरकार ने राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में विद्युत व्यापार रणनीतियों और क्रय-विक्रय के समन्वय में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए यह निर्णय लिया है। शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इससे प्रदेश में ऊर्जा प्रबंधन में सकारात्मक बदलाव आएगा और वित्त वर्ष 2024-25 में लघु, मध्यम और दीर्घकालिक कुशल योजना तैयार करने में मदद के साथ ही ऊर्जा संसाधनों का आर्थिक निक्षेप सुनिश्चित होगा। हिमाचल में प्रचुर जल संसाधन उपलब्ध हैं जिससे 24567 मैगावाट जल विद्युत उत्पादन का अनुमान है जबकि अभी तक 172 जलविद्युत परियोजनाओं के माध्यम से 11150 मैगावाट का ही दोहन किया गया है। सीएम ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र की 3 महत्वपूर्ण इकाइयों ऊर्जा निदेशालय, हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है और सरकार इस पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि संचार की कमी और असमान मूल्य निर्धारण रणनीतियों के कारण कभी-कभी कम दरों पर बिजली का विक्रय और उच्च लागत पर खरीद की जाती है।
जिससे अक्षमताएं बढ़ने के साथ ही प्रदेश को राजस्व का भी नुक्सान होता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऊर्जा निदेशालय, अन्य संस्थाओं के विपरीत एक विनियमित इकाई नहीं है और विद्युत बिक्री से सारा राजस्व सरकारी प्राप्तियों में प्रवाहित होता है। इसके दृष्टिगत राजस्व को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ विद्युत विक्रय और खरीद प्रबंधन को व्यवस्थित करने के लिए एक केंद्रीय सेल स्थापित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि तीसरे संवितरण संकेतक के अनुरूप ऊर्जा निदेशालय, एचपीपीसीएल और एचपीएसईबीएल के मौजूदा व्यापारिक अनुबंधों को एकल ट्रेडिंग डैस्क में विलय करने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार द्वारा इसके परिचालन के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एकल ऊर्जा ट्रेडिंग डैस्क विद्युत व्यापार के क्षेत्र में बहुआयामी भूमिका निभाएगा। इससे न केवल विद्युत व्यापार में सुगमता होगी बल्कि यह एचपीएसईबीएल, एचपीपीसीएल और डीओई को समन्वित करते हुए प्रदेश में विद्युत व्यापार की देख-रेख करने वाली एक एकीकृत, स्वतंत्र इकाई गठित करने के लिए संरचनात्मक और वित्तीय पहलुओं का भी पता लगाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य विद्युत उत्पादन और वितरण कंपनियों पर लागू नियामक ढांचे के भीतर आपसी निपटान व्यवस्था स्थापित करना है। डैस्क की उन्नत क्षमताएं हाइड्रो और अन्य नवीकरणीय स्रोतों के लिए सटीक ऊर्जा पूर्वानुमान को सक्षम बनाएंगी।
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