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Hospice. धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा का 7वां सत्र बुधवार से धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में होगा। शीतकालीन सत्र के लिए प्रदेश सरकार और विपक्ष के विधायक भी धर्मशाला पहुंच चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष तो सोमवार को ही धर्मशाला पहुंच गए थे, जबकि सीएम बुधवार शाम को धर्मशाला पहुंचे। मंगलवार देर शाम को दोनों दलों ने विधायकों ने बैठक कर बुधवार को होने वाले सत्र के लिए अपनी-अपनी रणनीति बना ली है। गौर हो कि इस बार विधानसभा का शीतकालीन सत्र सिर्फ चार दिन ही होगा। पहले ही दिन भाजपा जन आक्रोश रैली करने का ऐलान कर चुकी है। इसी के तहत 18 दिसंबर को जोरावर स्टेडियम में भाजपा प्रदेश सरकार को घेरने का प्रयास करेगी। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने सत्ता संभालने के बाद जनविरोधी निर्णय लिए हैं, जबकि चुनावी गांरटियों को पूरा करने में कांग्रेस पूरी तरह से नाकाम रही है, जबकि प्रदेश सरकार का दावा है कि कांग्रेस में 10 में से पांच गारंटियां पूरी कर दी हैं। अब देखना यह होगा कि विधानसभा सत्र के दौरान जनहित में कौन-कौन से फैसले लिए जाते हैं।
धर्मशाला में शुरू हो रहे शीत सत्र से यूं तो पूरे प्रदेश को बड़ी उम्मीदें हैं, लेकिन अकेले धर्मशाला हलके सहित कांगड़ा-चंबा के लिए यह सत्र बड़ी उम्मीदों और भावनाओं से भरा हुआ रहने वाला है। धर्मशाला का सबसे बड़ा मसला सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 30 करोड़ भरने का है। प्रदेश सरकार ने 30 करोड़ नहीं भरे हैं, ऐसे में लंबे समय से लोग इस मांग को उठा रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि प्रदेश सरकार उनकी इस मांग को पूरा करेगी। इसके अलावा भी यहां कई बड़े प्रोजेक्ट रुके हुए है। लोगों को उम्मीद है कि प्रदेश सरकार इस बार धर्मशाला को बड़ा तोहफा जरूर देगी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए धर्मशाला से तपोवन व जन प्रतिनिधियों के रहने वाले स्थानों सहित कुल 10 सेक्टरों में धर्मशाला को विभाजित किया गया है, जिसमें पुलिस का सख्त पहरा रहेगा।
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Shantanu Roy
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