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गोलमाल है सब भाई गोलमाल है: 78 गज जमीन के 150 लोग बन गए मालिक, पढ़े घोटाले की पूरी स्टोरी

jantaserishta.com
7 Jun 2021 4:25 AM GMT
गोलमाल है सब भाई गोलमाल है: 78 गज जमीन के 150 लोग बन गए मालिक, पढ़े घोटाले की पूरी स्टोरी
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तीन एसडीएम, पांच तहसीलदार, 4 रजिस्ट्री क्लर्क समेत करीब 20 कर्मचारियों के खिलाफ जांच जारी है...

पलवल. हरियाणा के पलवल (Palwal) में जमीन अधिग्रहण घोटाले का अजीब मामला सामने आया है. यहां मुंबई-दादरी फ्रेट कॉरिडोर (Delhi-Mumbai Freight Corridor) के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान रेलवे से मुआवजा और नौकरी हड़पने के लिए मात्र 78 वर्ग गज जमीन के 150 लोग मालिक बन गए. यही नहीं, इसके बाद रेलवे के पास साढ़े सात करोड़ रुपये से अधिक के मुआवजे और नौकरी के लिए आवेदन भी पहुंच गए. जबकि इस घोटाले में शामिल होने के आरोप में तीन एसडीएम, पांच तहसीलदार, 4 रजिस्ट्री क्लर्क समेत करीब 20 कर्मचारियों के खिलाफ जांच जारी है, तो कई को छुट्टी पर भेज दिया गया है.

बता दें कि रेलवे मंत्रालय जमीन का अधिग्रहण करते समय संबंधित व्‍यक्ति को मुआवजे के साथ प्रति व्यक्ति पांच से साढ़े पांच लाख रुपये की अतिरिक्त रकम रोजगार के लिए देता है. वहीं, रकम नहीं नहीं देने पर परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देता है. हैरानी की बात है कि जैसे ही रेलवे मंत्रालय की मुंबई-दादरी फ्रेट कॉरिडोर स्‍कीम की जानकारी रेवन्यू डिपार्टमेंट के कर्मचारियों को मिली तो जमीन की खरीद शुरू हो गई. इस दौरान पलवाल के पृथला गांव के निवासी से अधिग्रहण प्रारूप तैयार करने वाले लोगों ने जमीन खरीदी. इन लोगों से एक पटवारी ने जमीन खरीदी और फिर 70-70 हजार रुपये लेकर 150 लोगों के नाम इसमें शामिल कर डाले.
इस बीच बीते साल नवंबर में एसडीएम ने इस जमीन का अवार्ड घोषित कर दिया. इसके बाद मुआवजा राशि के साथ 150 लोगों ने 5-5 लाख रुपये के लिए भी आवेदन किया. वहीं, आवेदन में कहा कि उनकी पूरी की पूरी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है. हालांकि मात्र 78 गज जमीन के करीब साढ़े सात करोड़ रुपये जारी करने के आवेदन के बाद रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों के कान खड़े हो गए. इसके बाद इस मामले की जांच विजिलेंस से कराई गई, तब पूरे घोटाले का खुलासा हुआ.
मुंबई-दादरी फ्रेट कॉरिडोर यूपी के दादरी से शुरू होकर हरियाणा, राजस्थान, गुजरात होते हुए महाराष्ट्र के नवी मुंबई तक जाएगा. वहीं, यह गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा से तुगलकाबाद होते हुए पृथला, सोहना, रेवाड़ी, नारनौल होते हुए राजस्थान में प्रवेश करेगा. जबकि इस फ्रेट कॉरिडोर के लिए पलवल आठ गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया गया था.


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