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कंकाल मामले में गहलोत सरकार बजरंग दल पर लगा रही झूठे आरोप: विहिप

jantaserishta.com
17 Feb 2023 8:28 AM GMT
कंकाल मामले में गहलोत सरकार बजरंग दल पर लगा रही झूठे आरोप: विहिप
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| हरियाणा के लोहारू में एक जली हुई गाड़ी में राजस्थान के भरतपुर के दो युवकों के कंकाल बरामद होने के मामले में बजरंग दल का नाम अनावश्यक रूप से लेने का आरोप लगाते हुए विश्व हिंदू परिषद ने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महासचिव डॉ सुरेंद्र जैन ने इस कांड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण बजरंग दल का नाम अनावश्यक रूप से लिया जा रहा है। विहिप नेता ने राजस्थान सरकार को बजरंग दल पर झूठे आरोप लगाने से बाज आने की चेतावनी देते हुए इसके लिए राज्य की अशोक गहलौत सरकार से माफी मांगने की मांग की है।
विहिप नेता ने राजस्थान सरकार पर वोट बैंक की राजनीति और राजनैतिक पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान सरकार से न्याय की अपेक्षा नहीं की जा सकती, इसलिए इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। जांच पूरी होने तक किसी व्यक्ति को केवल इस आधार पर गिरफ्तार न किया जाए कि उसका नाम गौ तस्कर के भाई ने लिया है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच पूरी होने पर दोषियों को कठोर सजा हो।
विहिप नेता डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा है कि हरियाणा के लोहारू में एक जली हुई गाड़ी में कुछ जले हुए नर कंकालों का मिलना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह आग किसी दुर्घटना में लगी है या किसी ने लगाई है, अभी इस पर जांच होनी बाकी है।
गाड़ी राजस्थान की है परंतु कंकाल किसके हैं, यह भी अभी जांच का विषय है। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के भरतपुर जिले के दो गौ तस्कर लापता हैं, जिन पर गौ तस्करी के अनेक मामले पहले से चल रहे हैं। एक तस्कर के भाई ने बजरंग दल के कुछ चर्चित नामों के बारे में संदेह व्यक्त किया है। ऐसा लगता है कि बिना प्रारंभिक जांच के, राजस्थान पुलिस यह मान बैठी है कि उसके भाइयों द्वारा लिए गए नाम ही इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण रूप से इस कांड में बजरंग दल का नाम अनावश्यक रूप से लिया जा रहा है। इस तरह के मामलों में राजस्थान सरकार की भूमिका वोट बैंक की राजनीति से हमेशा प्रभावित रही है, यह कई मामलों में पहले भी सिद्ध हो चुका है। एक राजनैतिक एजेंडे के तौर पर भी बजरंग दल का नाम अनावश्यक रूप से घसीटा जा रहा है, जिसे किसी भी तरह से उचित नहीं माना जा सकता।
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