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Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस सेब सीजन के दौरान यूनिवर्सल कॉर्टन का ही इस्तेमाल होगा, मगर प्रदेश से बाहर ले जाने वाले सेब में टेलिस्कोपिक कॉर्टन पर सरकार कैसे रोक लगाएगी, इसके लिए कोई प्रावधान नहीं है। यूनिवर्सल कॉर्टन के लिए सरकार ने अधिसूचना जारी की है और कानूनन इसका प्रावधान कर दिया है, परंतु यह हिमाचल की मंडियों के लिए ही है, क्योंकि बागबान प्रदेश से बाहर जो सेब ले जाएंगे, उसमें मनमर्जी का कॉर्टन इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसके लिए उन्हें पूरी छूट है। इस पर सरकार भी किसी तरह से रोक नहीं लगा सकती है। बताया जाता है कि बागबान निजी कंपनियों से टेलिस्कोपिक कॉर्टन की भी डिमांड कर रहे हैं, जिनका मकसद केवल यही है कि वे अपने सेब को प्रदेश से बाहर ले जाना चाहते हैं। दूसरी बात इसमें यह भी है कि टेलिस्कोपिक कॉर्टन दूसरे कॉर्टन से सस्ता भी मिल सकता है, जिस कारण भी बागबान इसे चाहते हैं। वहीं प्रदेश से बाहर की मंडियों में इस पर किसी भी तरह की कोई रोक नहीं है।
इतना ही नहीं बागबानों के पास इस सेब सीजन के लिए पिछले साल का कॉर्टन भी बचा हो सकता है, जिसका भी वह इस्तेमाल करना चाहते हैं। इसलिए वह उसी कॉर्टन को प्रदेश से बाहर भेजेंगे। यहां बता दें कि यूनिवर्सल कॉर्टन की डिमांड को पूरा करने के लिए सरकारी तंत्र पूरी तरह से जुटा हुआ है, जिन कंपनियों को टेंडर के बाद चयनित किया है, उन्होंने अपने कॉर्टन को लैब टेस्टिंग के लिए बागबानी विभाग के पास भेज रखा है। पिछले दो दिन से इनकी टेस्टिंग चल रही है। अभी मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों को भी इस संबंध में पता नहीं है कि बाहर जाने वाले टेलिस्कोपिक कॉर्टन का क्या किया जाएगा, क्योंकि बागबान लगातार कंपनियों से इस तरह के कॉर्टन की भी डिमांड कर रहे हैं। मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जो भी नियम व कानून यूनिवर्सल कॉर्टन को लेकर बनाए हैं, वे हिमाचल की मंडियों के लिए ही हैं। अभी इस मामले में स्पष्टता नहीं है और बाहरी राज्यों के लिए जाने वाले सेब को टेलिस्कोपिक में ही भेजा जाए ऐसा खुद बागवान चाहते हैं। इसमें उन्हें कई तरह के फायदे भी दिख रहे हैं क्योंकि उसमें ज्यादा मात्रा में सेब जा सकता है। यहां पर यूनिवर्सल कॉर्टन में केवल 20 किलो सेब का ही प्रावधान रखा है जबकि टेलिस्कोपिक में इससे ज्यादा मात्रा में सेब बाहर की मंडियों में भेजा जा सकता है। अब देखना होगा कि इस दिशा में सरकार क्या करेगी।
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