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Odisha की तकनीक से होगा मत्स्य पालन

Shantanu Roy
8 Jun 2024 9:43 AM GMT
Odisha की तकनीक से होगा मत्स्य पालन
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Bilaspur: बिलासपुर। केंद्रीय मीठा जल जीवन पालन अनुसंधान भुवनेश्वर ओडिशा की तकनीक से हिमाचल में नीलक्रांति को बढ़ावा मिलेगा। संस्थान द्वारा जल्द ही प्रदेश को सीफाब्रूड मत्स्य आहार की तकनीक और ज्यंती रोहू व उन्नत कतला प्रजाति की मछलियों का बीज भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इस संदर्भ में ओडिशा व हिमाचल मत्स्य पालन विभाग के मध्य दो एमओयू साइन हुए हैं। यह एमओयू हिमाचल के मत्स्य निदेशक विवेक चंदेल और अनुसंधान भुवनेश्वर से आए निदेशक प्रमोद कुमार साहू के बीच बिलासपुर में आयोजित कार्यशाला के दौरान हुए हैं। बिलासपुर में टूरिज्म के होटल लेक व्यू कैफे में मात्स्यिकी विभाग द्वारा एक्वाकल्चर में उन्नत मछली किस्मों और कार्प मत्स्य ब्रूड स्टॉक आहार का महत्त्व विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता निदेशक मत्स्य विभाग विवेक चंदेल ने की। मत्स्य विभाग के निदेशक विवेक चंदेल ने बताया कि मत्स्य पालन विभाग किसानों की आर्थिकी में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इस समझौता ज्ञापन का लाभ निकट भविष्य में देखने को मिलेगा तथा किसानों की आर्थिकी में अवश्य सुधार आएगा।

कार्यशाला में केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान भुवनेश्वर से आए वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. खुटिया मुर्मू तथा डा. समीरन नंदी ने उन्नत मछली किस्मों तथा मत्स्य ब्रूड स्टॉक आहार के महत्त्व के बारे में विभाग के अधिकारियों तथा उन्नत मत्स्य किसानों को पूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्नत मछली किस्मों जैसे कि अमूर कार्प, ज्यंती रोहू तथा उन्नत कतला प्रजाति की मछलियों की वृद्धि दर पारंपरिक प्रजातियों की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत अधिक है तथा इन प्रजातियों का पालन करके मत्स्य किसान अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में ब्रूड स्टॉक मछली के लिए सीफाब्रूड नाम से नया मछली आहार तैयार किया है, जिससे ब्रूड स्टॉक में अंडे का बेहतर पोषण होता है तथा उन्नत किस्म का स्वस्थ मछली बीज तैयार होता है। मत्स्य विभाग से डा. सोम नाथ सहायक निदेशक मत्स्य द्वारा हिमाचल प्रदेश में जलीय कृषि में हालिया प्रगति पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक डा. विक्रम महाजन द्वारा विभाग की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में सहायक निदेशक मत्स्य विभाग चंचल ठाकुर सहित विभिन्न जिलों के आए अधिकारियों ने भी मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अपने अपने सुझाव रखे।
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