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Hamirpur. हमीरपुर। गर्मी के बढ़ते तापमान में जंगल धूं-धूं करके जल रहे हैं। जंगलों का कोई ऐसा हिस्सा नहीं बचा है, जो आग से बच पाए हों। हर भरे जंगल राख में तबदील हो गए हैं। जंगलों से हर जगह धुआं ही धुआं उठता नजर आ रहा है। कई पेड़ आग से जलकर टूट गए हैं। वन विभाग को भी अब तक जंगल की आग से करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। यही वजह है कि तापमान में भी लगातार बढ़ौतरी हो रही है, जोकि लोगों का खूब पसीना निकाल रही है। बता दें कि हमीरपुर फोरेस्ट सर्कल में अब तक 228 आगजनी की घटनाएं पेश आ चुकी हैं और फोरेस्ट का करीब 2181 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुके हैं। जंगलों की आग से वन विभाग की करोड़ों रुपए की वन संपदा जलकर राख हो चुकी है। वन विभाग को आगजनी से अब तक एक करोड़ 22 लाख 31 हजार 963 रुपए का नुकसान हो चुका है।
फोरेस्ट सर्कल हमीरपुर प्रदेश भर में जंगलों की आग में तीसरे नंबर पर है। जबकि धर्मशाला 419 आगजनी की घटनाओं में पहले और मंडी 261 आगजनी की घटनाओं में दूसरे स्थान पर चल रहा है। यहां पर जंगल रोजाना धूं-धूं करेक जल रहे हैं। वन विभाग की करोड़ों रुपए की वन संपदा अब तक आगजनी की भेंट चढ़ चुकी है। फायर बिग्रेड के वाहन जंगलों की आग को बुझाने में दिन-रात लगे हुए हैं, ताकि जंगल राख होने से बच सकें। हालांकि जंगलों में आग बार-बार लग रही है। ऐसे में फोरेस्ट विभाग के साथ-साथ फायर बिग्रेड को भी जंगलों की आग शांत करने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। बताया जा रहा है कि शरारती तत्व व कुछेक स्थानीय लोग जंगलों से घास प्राप्त करने के लिए चोरी छिपे जंगलों को आग लगा रहे हैं, जिससे वन संपदा के साथ-साथ जंगली जानवरों के जीवन पर भी संकट खड़ा हो रहा है। कई जंगली जानवर जंगल की आग में दम तोड़ चुके हैं। क्योंकि जंगलों में चीड़ की पत्तियों की आग हवा के साथ बढ़ती जाती है, जोकि चंद मिनटों में ही पूरे जंगल में फैल जाती है। फोरेस्ट विभाग ने स्थानीय लोगों से एक बार पुन: गुहार लगाई है कि वह जंगलों में आग न लगाएं।
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