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चढूनी ग्रुप के किसानों ने छोड़ा यूनियन का साथ, लगाया ये आरोप

jantaserishta.com
10 Feb 2022 4:08 AM GMT
चढूनी ग्रुप के किसानों ने छोड़ा यूनियन का साथ, लगाया ये आरोप
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भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी ग्रुप की बैठक हुई.

करनाल. हरियाणा के करनाल (Karnal) जिले के जाट भवन में भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी ग्रुप की बैठक हुई. सभी किसानों ने बैठक के बाद अपने पदों से इस्तीफा (Resignation) दे दिया. इसके पीछे कारण रहा यूनियन के प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Charuni) का राजनीति में कदम रखना रहा. जिले से करीब 45 पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. ऐसे में जिले से चढ़ूनी ग्रुप ही खत्म हो गया. किसानों का कहना है कि किसानों का संगठन गैर-राजनीतिक रहा है और आगे भी वो गैर-राजनीतिक रहकर ही काम करेंगे.

किसान जगदीप ओलख ने बताया कि जाट धर्मशाला करनाल में किसानों की बैठक हुई है. भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी, प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी राजनीति में चले गए हैं. पंजाब में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. कई तरीके की कोशिश की गई, वो इससे नहीं माने. आज पूरी कार्यकारिणी ने इस्तीफा दे दिया है. उनसे अलग हो गए हैं. किसान के तौर पर किसानों की सेवा करेंगे.
गुरनाम सिंह चढूनी चुनाव में काम कर रहे हैं. प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं, इससे पूरा जिला नराज है. करनाल के साथियों ने किसान आंदोलन में पूरा काम किया. आगे भी किसान भाई जो भी फैसला लेंगे उस पर हम कायम रहेंगे. करनाल के जिला प्रधान, ब्लॉक प्रधान, महिला विंग प्रधान समेत सभी करीब 40-45 पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया है.
वहीं किसान छत्तर पाल ने बताया कि पहले भी उन्होंने चढ़ूनी साहब से गुरुद्वारा में प्रार्थना की थी कि प्रदेश के लोग उन्हें किसान नेता के रूप में देखते हैं. राजनेता के रूप में नहीं देखना चाहता. इसीलिए उप प्रधान के पद से इस्तीफा दिया है. वहीं दिलबाग सिंह ने बताया कि हमारा शुरू से ही किसानों का संगठन अराजनैतिक रहा है. प्रधान ने राजनीति में जाने का रास्ता अपनाया है. इसलिए वो अब भारतीय किसान यूनियन चंढ़ूनी ग्रुप से इस्तीफा देते हैं. आगे भी अराजनैतिक तरीके से काम करेंगे. इसलिए ग्रामीण प्रधान के पद से इस्तीफा देते हैं.

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