भारत

बल्ह के Farmer उगाई गेनोडर्मा किस्म, पाउडर बनाकर बेच सकते हैं उत्पादक

Shantanu Roy
20 July 2024 11:19 AM GMT
बल्ह के Farmer उगाई गेनोडर्मा किस्म, पाउडर बनाकर बेच सकते हैं उत्पादक
x
Sundernagar. सुंदरनगर। जिला मंडी के बल्ह विकास खंड के अंतर्गत आने वाले घट्टा गांव के प्रगतिशील किसान खेम चंद ने गेनोडर्मा मशरूम को उगाने में सफ लता हासिल की है। खेम चंद कृषि विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं और लगभग 6 सालों से मशरूम खासतौर पर बटन व ढींगरी मशरूम की खेती कर रहे हैं। उन्होंने अपने फ ार्म पर हाईटेक मशरूम हाऊस की स्थापना की है, जिसमें वे मशरूम की खेती करते आए हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने मशरूम कम्पोस्ट तथा स्पॉन उत्पादन यूनिट भी लगा रखा है एजिससे वे अन्य किसानों को मशरूम की कम्पोस्ट व स्पॉन प्रदान करते हैं। उन्होंने अब गेनोडर्मा मशरूम जिसे रिशी मशरूम के नाम से भी जाना है, को सफ लतापूर्वक उगाकर कामयाबी हासिल की है। उन्होंने इस मशरूम के 320 बैग रखे हुए हैं जिनसे अब पैदावार निकलना आरंभ हो गई है। कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के प्रभारी वैज्ञानिक डा. पंकज सूद ने बताया कि गेनोडर्मा मशरूम एक औषधिय मशरूम है, जिसे जीवाणुरहित लकड़ी के बुरादे पर
स्पॉनिंग करके उगाया जाता है।

उन्होंने बताया कि मशरूम की स्पॉनिंग की अवधि 25-30 दिन होती है। फसल के लिए इष्टतम तापमान 30-32 डिग्री सेल्सियस, 80-85 प्रतिशत आद्र्रता, प्रकाश और वेंटिलेशन की आवश्यकता होती है। मशरूम की कटाई 2-3 फ्लश में की जा सकती है है। इस मशरूम का संपूर्ण फ सल चक्र 120-150 दिनों का होता है। चूंकि यह मशरूम लकड़ी जैसा होता है, इसलिए इसे सुखाकर कई महीनों तक संग्रहित किया जा सकता है। इसे पाउडर के रूप में बेचा जा सकता है। गैनोडर्मा मशरूम के एक किलो बैग से लगभग 250 से 300 ग्राम मशरूम निकलते हैं। बाजार में ताजे मशरूम से 2000 रुपए व सूखे मशरूम से 7000 से 8000 रुपए प्रति किलोग्राम भाव प्राप्त हो जाता है।गैनोडर्मा मशरूम का उपयोग हृदय संबंधी समस्याओं, ल्यूकेमिया, ल्यूकोपेनिया, हेपेटाइटिस, नेफ्राइटिस, गैस्ट्राइटिस, अनिद्रा, कैंसर, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, रक्त शर्करा और उच्च रक्तचाप से पीडि़त रोगियों के लिए और कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए अति लाभकारी होता है। इस मशरूम में एंटीआक्सीडेंट की मात्रा अधिक होने के कारण इसे एंटी एजिंग मशरूम के रूप में भी जाना जाता है। डॉ पंकज सूद ने खेम चंद को उनके इस सराहनीय प्रयास के लिए बधाई दी और कहा कि प्रदेश के युवाओं को प्रगतिशील किसान खेम चंद से प्रेरणा लेकर इस मशरूम की खेती के लिए आगे आना चाहिए।
Next Story