फडणवीस ने MHA को सौंपा 6 जीबी सबूत, उद्धव सरकार पर CBI जांच की उठाई मांग
महाराष्ट्र में परमबीर सिंह के लेटर के बाद उद्धव सरकार संकट में घिर गई है। वरिष्ठ बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने गृह मंत्रालय को 6 जीबी से ज्यादा का डेटा सौंपा है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में पुलिस महकमे में तबादले और पोस्टिंग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। फडणवीस का आरोप है कि खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावा किया कि तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला द्वारा इजाजत लेकर फोन रिकॉर्ड किए गए थे और कॉल पर की गई बातचीत का 6.3 जीबी डेटा उनके पास है जिसमें कई अहम पुलिस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई थी।
गृह सचिव से मुलाकात करने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैंने सभी सबूत सील बंद लिफाफे में दे दिए हैं। उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया है कि वह इस मामले को देखेंगे और सरकार उचित कार्रवाई करेगी। इससे पहले, बीजेपी नेता ने कहा कि इन सभी फोन कॉल को राज्य सरकार से उचित अनुमति लेकर शुक्ला ने रिकॉर्ड किया था लेकिन अगस्त 2020 में मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को रिपोर्ट सौंपने के बावजूद रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा, ''मैं इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहा हूं।''
फडणवीस पर पलटवार करते हुए एमवीए का हिस्सा एनसीपी ने कहा कि भाजपा लोगों को गुमराह कर रही है। फडणवीस ने पत्रकारों से कहा था कि तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, आईपीएस अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं समेत अन्य के नामों का उल्लेख किया गया है। यह बहुत संवेदनशील सूचना है, इसलिए मैं फिलहाल इसका खुलासा नहीं कर रहा हूं।
विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब उन्हें 2017 में गुप्त सूचना मिली थी कि पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के संबंध में पुलिस के कुछ अफसर एक होटल में बैठक कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''यह एक गिरोह का हिस्सा था और पूरी तरह से अवैध था। इसलिए छापा मारा गया और गिरफ्तारियां की गईं।'' फडणवीस जब मुख्यमंत्री थे तब उनके पास गृह विभाग का जिम्मा भी था।
फडणवीस ने दावा किया है कि 6.3 जीबी डेटा में बातचीत अकेले गृह और पुलिस विभाग को लेकर है। जिन सभी अफसरों की फोन कॉल रिकॉर्ड की गई थी, उन्हें वे पद मिल गए थे जिसके लिए उन्होंने लॉबिंग की थी। यह साबित करता है कि शुक्ला द्वारा रिकॉर्ड की गई फोन कॉल में अहम विवरण है।