भारत
हिमाचल के प्राचीन इतिहास के नए तरीके से शोध के साथ सामने लाए जाएंगे तथ्य: रोहित ठाकुर
Shantanu Roy
30 Sep 2023 10:08 AM GMT
x
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के प्राचीन इतिहास के नए तरीके से शोध के साथ तथ्य सामने लाए जाएंगे। प्रदेश शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के पाठ्यक्रम में प्रदेश के गौरवशाली इतिहास को भी सम्मिलित किया जाए। विदेशी आक्रांताओं और शासकों से पूर्व के प्रदेश के इतिहास को बच्चों को स्कूलों में पढ़ाया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ियां अपने समृद्ध इतिहास से रू-ब-रू हो सकें। इसके लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाकर इन विषयों पर तथ्यपरक शोध कर इसे पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की दिशा में काम करे। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में शुक्रवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह बात कही। इस दौरान मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल और बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपायुक्त कांगड़ा डाॅ. निपुण जिंदल भी उपस्थित रहे।
प्रैस वार्ता में मंत्री ने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों विशेषकर जिला कांगड़ा का जिक्र महाभारत तक में आता है। उन्होंने कहा कि वीर राम सिंह पठानिया, जनरल जोरावर सिंह, पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम, प्रजा मंडल, डाॅ. यशवंत सिंह परमार सरीखे विभूतियों और ऐतिहासिक घटनाक्रमों से हमारे बच्चे परिचित होने चाहिए। गौरवशाली इतिहास की जानकारी केवल इतिहास विषय पढ़ने वाले बच्चों तक सीमित न होकर सभी बच्चों तक पहुंचे, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। हमारे गर्वीले इतिहास में हमारी समृद्ध संस्कृति, परंपराएं, कला और साहित्य भी आता है। इन सब विषयों को भी पाठ्यक्रम में शमिल करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश उन्होंने बोर्ड के अधिकारियों को दिए। कांगड़ा पेंटिंग से लेकर हस्तशिल्प, लिपि, साहित्य और हमारे जनजातीय क्षेत्रों और वहां निवास करने वाले लोगों की परंपरा, संस्कृति की जानकारी भी बच्चों तक स्कूली शिक्षा के माध्यम से पहुंचाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। बोर्ड में रिक्त पड़े पदों को जल्द भरा जाएगा। अगले महीने तक यह निर्णय ले लिया जाएगा कि प्रथम चरण में कहां-कहां राजीव गांधी डे बोॄडग स्कूल बनाने हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों को हर वर्ष सम्मानित किया जाना चाहिए। प्रदेश में दसवीं और बारहवीं कक्षा में शिक्षा बोर्ड के टॉपर्स को मैडल देकर सम्मानित किया जाए। समर्पण भाव से वर्ष भर बच्चों को अच्छे से पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाना चाहिए। दिसम्बर महीने में यह सम्मान समारोह होगा। उन्होंने वर्ष में कम से कम एक बैठक धर्मशाला में शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में करने की बात कही। मंत्री द्वारा बोर्ड की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई। उन्होंने शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से उनके कार्यों का ब्यौरा लेते हुए शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने के सुझाव दिए। पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग कर डिजिटाइजेशन पर जोर देना चाहिए। पेपर सैट करने से लेकर परीक्षाओं के आयोजन तक तकनीक के उपयोग पर बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों में पारदर्शिता रखने और नकल पर नियंत्रण रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे हर केंद्र में हों और उनका कंट्रोल सैंटर बोर्ड में स्थापित किया जाए।
Tagsहिमाचल प्रदेश न्यूज हिंदीहिमाचल प्रदेश न्यूजहिमाचल प्रदेश की खबरहिमाचल प्रदेश लेटेस्ट न्यूजहिमाचल प्रदेश क्राइमहिमाचल प्रदेश न्यूज अपडेटहिमाचल प्रदेश हिंदी न्यूज टुडेहिमाचल प्रदेश हिंदीन्यूज हिंदी हिमाचल प्रदेशहिमाचल प्रदेश हिंदी खबरहिमाचल प्रदेश समाचार लाइवHimachal Pradesh News HindiHimachal Pradesh NewsHimachal Pradesh ki KhabarHimachal Pradesh Latest NewsHimachal Pradesh CrimeHimachal Pradesh News UpdateHimachal Pradesh Hindi News TodayHimachal Pradesh HindiNews Hindi Himachal PradeshHimachal Pradesh Hindi KhabarHimachal Pradesh news updatehimachal pradesh news livehimachal pradesh news
Shantanu Roy
Next Story