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भारत में फर्जी खाते हटाने की Facebook ने बनाई थी योजना, अकाउंट्स पर चुनिंदा कार्रवाई के आरोप
Apurva Srivastav
18 April 2021 5:31 PM GMT
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सर्वे एजेंसियां लगातार भारत में फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स और फेक न्यूज के मुद्दे पर टेलिकॉम रेगुलेटर्स और सूचना-प्रसारण मंत्रालय को चेतावनी देती आ रही हैं।
सर्वे एजेंसियां लगातार भारत में फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स और फेक न्यूज के मुद्दे पर टेलिकॉम रेगुलेटर्स और सूचना-प्रसारण मंत्रालय को चेतावनी देती आ रही हैं। इस बीच ब्रिटिश अखबार 'द गार्जियन' की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कुछ समय पहले फेसबुक ने भारत में फर्जी अकाउंट्स को हटाने की एक योजना तैयार की थी। लेकिन इस दौरान एक भाजपा सांसद का नाम आने के बाद कंपनी ने इस कदम को पीछे ले लिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक को फेक प्रोफाइल्स और यूजर्स के बारे में एक कर्मचारी ने काफी पहले ही बता दिया था। लेकिन कंपनी ने कथित तौर पर भाजपा सांसद की लोकप्रियता को फेक अकाउंट्स के जरिए बढ़ने दिया। अभी तक यह साफ नहीं है कि वह भाजपा नेता कौन था, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि वह शीर्ष नेताओं में शामिल हैं।
अखबार ने यह दावे आंतरिक दस्तावेज, फेसबुक के पूर्व कर्मचारी (जो कि अब व्हिसलब्लोअर बने हैं) के बयान और फेक एकाउंट हटाने के संबंध में कंपनी द्वारा तैयार किए गए नोट्स के आधार पर किए हैं।
भारत के विपक्षी नेताओं पर फेसबुक ने कर दी थी कार्रवाईः जहां भाजपा सांसद का नाम आने के बाद फेसबुक ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की, वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सदस्यों की लोकप्रियता बढ़ाने वाले ग्रुप्स को तुरंत हटा दिया। द गार्जियन के मुताबिक, इस तरह के फर्जी अकाउंट्स के नेटवर्क का खुलासा पहली बार फेसबुक की डेटा साइंटिस्ट रह चुकीं सोफी जैंग ने किया था। वह पिछले कुछ महीनों से लगातार फेसबुक में जारी अनियमितताओं का खुलासा कर रही हैं। हालांकि, फेसबुक ने अकाउंट्स हटाने में किसी भी तरह के भेदभाव के आरोपों से साफ इनकार कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जैंग ने इन फर्जी नेटवर्क्स के बारे में फेसबुक के शीर्ष नेतृत्व को जानकारी दी। इनमें से दो नेटवर्क भाजपा और दो नेटवर्क कांग्रेस से जुड़े थे। जांच में साफ हुआ कि कई अकाउंट्स फर्जी हैं। इसके बाद इन एकाउंट्स को लॉक करने की सिफारिश की गई और अकाउंट्स के असल होने पर उचित प्रमाण मुहैया कराने के एवज में अकाउंट फिर शुरू करने की बात भी कही गई।
इसी के बाद फेसबुक के एक कर्मचारी ने शुरुआती तीन नेटवर्क के 500 से अधिक एकाउंट को लॉक कर दिया, लेकिन जब वे चौथे नेटवर्क के करीब 50 एकाउंट को बंद करने की तैयारी कर रहे थे, तभी एक अकाउंट के चलते उन्होंने काम रोक दिया और ऊपर के लोगों से सलाह मांगी। उन्होंने फेसबुक की टास्क मैनेजमेंट सिस्टम को मेल लिखकर पूछा था कि गवर्मेंट पार्टनर और हाई-प्रायोरिटी इंडियन वाले अकाउंट्स पर कार्रवाई की जा सकती है या नहीं। हालांकि, इस पर फेसबुक के शीर्ष नेतृत्व ने कोई जवाब नहीं दिया।
फेसबुक ने नहीं दिया अकाउंट ब्लॉक करने पर जवाब: बताया गया है कि जैंग ने खुद फरवरी, 2020 में पत्र लिखकर मांग की कि किसी भी तरह के पक्षपात से बचने के लिए हमें इन एकाउंट्स को बंद करने पर आगे बढ़ना चाहिए। जैंग को यकीन था कि हाई-प्रायोरिटी वाला अकाउंट भाजपा सांसद का था और ऐसे फर्जी अकाउंट्स के नेटवर्क में उनका नाम इसका सबूत था कि कोई और उनके फेसबुक से 50 फर्जी अकाउंट्स चला रहा था। हालांकि, अगस्त में भी मेल करने के बाद उन्हें फेसबुक अधिकारियों की तरफ से जवाब नहीं दिया गया।
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