शिमला। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने सरकार से हर स्कूल में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही प्राइमरी एजुकेशन में इंगलिश मीडियम अनिवार्य करने की मांग भी की है। यहां आयोजित प्रैस वार्ता में वीरेंद्र चौहान ने कहा है कि प्रदेश के स्कूलों में इनरोलमैंट कम होती जा रही है। विशेष तौर पर प्राइमरी कक्षाओं में बच्चों की संख्या कम है। ऐसे में सरकार व शिक्षा विभाग को इस ओर उचित कदम उठाने चाहिए। स्कूलों में इंगलिश मीडियम शुरू करना चाहिए, ताकि लोगों का निजी स्कूलों के प्रति रुझान कम हो सके। इसके साथ सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए निजी स्कूलों की तर्ज पर आकर्षक ड्रैस लगानी चाहिए। हालांकि सरकार ने अब स्कूलों में ड्रैस लगाने का जिम्मा एसएमसी और पीटीए को सौंपा है। लोकल माहौल को देखकर एसएमसी सदस्य बच्चों के लिए ड्रैस फाइनल कर सकते हैं।
चौहान ने शिक्षकों से गैर-शिक्षण कार्य न करवाने का आग्रह शिक्षा सचिव से किया है। इस पर शिक्षा सचिव ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही इसका ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। उन्होंने सरकार से विभाग में खाली पड़े पदों को भरने का भी आग्रह किया है। चौहान ने कहा है कि स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा शुल्क मेें 20 प्रतिशत बढ़ौतरी की है। 10वीं कक्षा के लिए 850 रुपए और 12वीं कक्षा के लिए 1150 रुपए शुल्क लिया जा रहा है। इसके अलावा बोर्ड छात्रों से सर्टीफिकेशन के नाम पर 100 रुपए वसूल रहा है। संघ ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि इस बारे बोर्ड को लिखित रूप में पत्र भेजा जाएगा। उनका कहना है कि गरीब बच्चों पर इसका बोझ पड़ेगा। इसके अलावा उन्होंने कर्मचारियों को एक बार नियमित करने के सरकार के फैसला का भी विरोध किया है। संघ यह मामला सरकार से उठाएगा। उन्होंने सरकार से पैंडिंग डीए एरियर के साथ जारी करने और पे-कमीशन की विसंगतियों को दूर करने की मांग की है।