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Shimla. शिमला। प्रदेश में राजपत्रित अधिकारियों की बिजली सबसिडी को बंद किए जाने के साथ घरेलू उपभोक्ताओं की एक से ज्यादा मीटरों पर सबसिडी बंद करने के लिए बिजली बोर्ड ने विकल्प ढूंढ लिया है। बिजली बोर्ड पहले से यह कहता आया है कि लोगों से परफार्मा भरवाया जाए, जिससे आसानी से साफ हो जाएगा कि उनके पास कितने बिजली मीटर हैं। इसके लिए परफार्मा में बोर्ड ने कुछ सवाल रखे हैं, जिनके उत्तर देते हुए उपभोक्ता अपनी पूरी जानकारी उसमें दे देगा। इसी विकल्प में बुधवार को यहां अपनाते हुए परफार्मा जारी कर दिया है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसकी शुरुआत की है। इसके साथ यह भी तय हो गया है कि राजपत्रित अधिकारियों को फरवरी महीने का जो बिजली बिल आएगा, वह बिना सबसिडी के होगा। इसे लेकर भी खूब माथापच्ची चली हुई है और सरकार की ओर से पत्र नियामक आयोग को भेज दिया है।
इससे पूर्व अभी प्रदेश में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की ईकेवाईसी का काम जारी रहेगा। एक तरफ बिजली बोर्ड स्वेच्छा से सबसिडी छोडऩे वालों के परफार्मा भरवाएगी, तो दूसरी ओर ईकेवाईसी का दौर भी जारी रहेगा। ई-केवाईसी अभी लगभग पांच लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं की हो चुकी है, मगर यह काफी मुश्किल प्रोसेस है और लोग भी इसमें पूरी तरह से मदद नहीं कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि बिजली बोर्ड को परफार्मा भरवाकर लोगों से पूरी जानकारी लेनी चाहिए, जिसकी शुरुआत बुधवार से कर दी गई है। सरकार चाहती है कि जो लोग साधन संपन्न हैं, वो अपनी सबसिडी को छोड़ दें और खुद सबसिडी को छोडक़र मुख्यमंत्री ने एक नया संदेश प्रदेश के लोगों को दिया है। उनके इस संदेश के बाद कितने लोग खुद अपनी बिजली सबसिडी को छोड़ते हैं यह देखना होगा। अब मंत्री, विधायक व दूसरे नेता भी सबसिडी छोड़ेंगे, यह तय है।
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Shantanu Roy
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