
शिमला। करोड़ों रुपए के क्रिप्टो करंसी स्कैम के मास्टरमांइड सुभाष शर्मा को स्वदेश लाने की कवायद तेज हो गई है। इसी कड़ी में मामले की जांच में जुटी एसआईटी केेंद्रीय एजैंसियों के सहयोग से आगामी 28 नवम्बर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सक्षम अदालत में सुभाष शर्मा के प्रत्यर्पण को लेकर आवदेन दायर कर वारंट मांगेगी। एसआईटी के पास आरोपी के यूएई में छिपे होने के पुख्ता साक्ष्य हैं। 2500 करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आने के बाद से ये फरार हैं। सुभाष शर्मा मंडी जिले के सरकाघाट का रहने वाला है। एसआईटी उसके यूएई में कनैक्शन का भी पता लगाने में जुटी हुई है।
सामने आया है कि मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा व उसके साथी निवेशकों को दुबई व अन्य देशों में घूमाने ले जाते थे। 3 साल के भीतर करीब 2 हजार विदेशी टूअर करवाए गए, ऐसे में संभावना ये भी जताई जा रही है कि सुभाष शर्मा के साथ विदेश में बैठे कुछ अन्य आरोपी भी स्कैम में संलिप्त हो सकते हैं, जो निवेशकों काे विदेशों में घुमाने में आरोपियों की मदद करते थे। इस स्कैम को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने दुबई जाकर ही क्रिप्टो करंसी के बारे में पूरी जानकारियां जुटाई थीं। इसके बाद करोड़ों रुपए के सॉफ्टेवयर तैयार करवाए तथा लोगों को डबल रिटर्न का लालच देकर जाल में फंसाया।
पूरे स्कैम में किसकी क्या-क्या संलिप्ता रही है, उसकी पूरी तह एसआईटी खंगाल रही है। इसके तहत अच्छा प्रॉफिट लेने वाले निवेशकों से भी पूछताछ की जा रही है। बड़ी संख्या में निवेशकों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं और जिसकी कोई भी संलिप्ता उभर कर सामने आ रही है, उनकी गिरफ्तारी की जा रही है। प्रदेश में 2500 करोड़ रुपए का निवेश क्रिटो करंसी स्कैम में हुआ। जांच में अढ़ाई लाख आईडी बनने की बात सामने आई है। सूत्रों की मानें तो मुख्य आरोपी सुभाष करीब 500 करोड़ की राशि डकार गया। पूरे मामले में 19 गिरफ्तारियों के साथ ही 18 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की गई हैं।
