
बिलासपुर। राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के अब तक के एक साल के कार्यकाल में वन महकमे में कई नई स्कीमों को लांच करने के बाद धरातल पर उतारने के लिए कवायद शुरू हुई है। मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना और वन मित्र योजना के माध्यम से विभाग स्ट्रेंथन होगा। ड्राई हिल्स को हरा भरा बनाने के अतिरिक्त राज्य के प्रत्येक डिवीजन में एक-एक मॉडल नर्सरी तैयार करने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा चुका है। प्रदेश सरकार आर्थिक तंगहाली के बावजूद विभागीय कार्यशैली को मजबूती प्रदान करने के मकसद से आगे बढ़ रही है। सरकार ने हर डिवीजन में एक एक मॉडल नर्सरी तैयार करने का निर्णय लिया है जिसके तहत बिलासपुर सर्किल में एक बिलासपुर और दूसरी कुनिहार डिवीजन में विकसित की जाएगी। इसके लिए स्पॉट चिहिंत किए जा चुके हैं। एक से डेढ़ हैक्टेयर एरिया में यह मॉडल नर्सरियां विकसित की जाएंगी।
खास बात यह है कि एक मॉडल नर्सरी तैयार करने पर लगभग पचास लाख रूपए की लागत आने का अनुमान है। राज्य सरकार ने बिलासपुर सर्किल को दोनों मॉडल नर्सरियां तैयार करने की कवायद शुरू करने के लिए पहली किश्त के रूप में 10-10 लाख रुपए का बजट जारी किया है। इन नर्सरियों में लोकल प्लांट्स तैयार किए जाएंगे और इस बार प्लांट्स तैयार करने के लिए विभाग ने रूट ट्रेनर्स तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इस तकनीक के जरिए प्लांट्स जल्द ग्रोथ करते हैं और रूट्स भी खराब नहीं होते। नर्सरी तैयार करने के लिए दो साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक नर्सरी में एक लाख से ज्यादा पौधे तैयार किए जा सकेंगे। विभागीय अधिकारियों की माने, तो नर्सरियों में तैयार प्लांट्स की डिमांड के आधार पर डिस्ट्रीब्यूशन की जाती है। सरकारी विभागों के अलावा लोगों को भी पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं। स्कूलों में एनएसएस कैंप के लिए पौधे दिए जाते हैं। इसके अलावा एनएचएआई व रेलवे और एम्स जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स की ओर से भी डिमांड दिए जाने पर पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं। नर्सरियां विकसित होने से ज्यादा से ज्यादा पौधे तैयार किए जा सकेंगे और आगे लोगों को उपलब्ध करवाए जा सकेंगे। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से यह योजना काफी कारगर है।
